Congress Election Guarantees in Karnataka: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस की ओर से किए गए रेवड़ी वादे अब प्रदेश के दलितों आदिवासियों पर भारी पड़ रहे हैं। राज्य के दलित और आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए दिया जाने वाले धन को कर्नाटक की सिद्दारमैया कांग्रेस सरकार चुनावी गारंटियां पूरा करने के लिए लगा रही है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने फैसला लिया है कि वह राज्य के दलित-आदिवासियों के दिए गए 14,730 करोड़ रुपए के फंड को अब अपनी गारंटियों में खर्च करेगी।
दलित-आदिवासियों के फंड से एक तिहाई कटौती
कर्नाटक की सिद्दारमैया सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 39,121 करोड़ रुपए की धनराशि दलित और आदिवासियों के फंड के रूप में जारी किया था। कर्नाटक में नियमों के अनुसार ऐसा करना आवश्यक है, लेकिन अब वहां की सरकार ने इसमें से लगभग एक तिहाई फंड काटने का इरादा कर लिया है। इस फंड का उपयोग करके कांग्रेस अपनी चुनावी गारंटियां पूरी करेगी। सिद्दारमैया सरकार पहले भी ऐसा ही कर चुकी है।
कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए किए थे ‘रेवड़ी’ वादे
वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने 5 गारंटी दी थीं। इन्हें ‘रेवड़ी’ कहा गया था। कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह हर घर को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देगी। इसे गृह ज्योति योजना का नाम दिया गया था। इसके अलावा गृह लक्ष्मी नाम की योजना का भी एक वादा किया गया था। इसके अंतर्गत कांग्रेस ने वादा किया था कि वह राज्य की महिलाओं को 2000 रुपए प्रतिमाह देगी। इसके अलावा तीन और बड़े वादे किए थे।
मुफ्त की गारंटी ले गईं बजट का बड़ा हिस्सा
कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार की यह गारंटियाँ बजट का एक बड़ा हिस्सा ले जा रही हैं। इससे बाकी के विकास कामों के लिए पैसा नहीं बच रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में इन पाँच चुनावी गारंटियों पर ₹39,825 करोड़ का खर्चा किया गया था। यह कर्नाटक के 2023-24 के बजट का लगभग 17% था। वित्त वर्ष 2024-25 में गारंटियों का यह खर्चा और बढ़ गया है। 2023-24 के मुकाबले इसमें लगभग एक तिहाई की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में कर्नाटक ने इन 5 चुनावी गारंटियों पर 52,000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है। राज्य की कई अन्य योजनाओं का असर इस खर्च के कारण पड़ रहा है।
भाजपा-दलित संघर्ष समिति ने खोला मोर्चा
भाजपा ने कांगेस सरकार के इस फैसले को लेकर उसकी आलोचना की है। कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष R अशोका ने लिखा है, “दलित विरोधी कांग्रेस सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के विकास के लिए निर्धारित 14,730 करोड़ रुपए की राशि को अपनी गारंटी योजनाओं के लिए इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है।” दलित संघर्ष समिति नाम के संगठन ने भी कांग्रेस सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। दलित संघर्ष समिति ने इस मुद्दे पर कॉन्ग्रेस सरकार का विरोध किया है। उसने इसे कांग्रेस सरकार का एकतरफा निर्णय बताया है।