Thursday, December 4, 2025

गोवा में कामसूत्र फेस्टिवल पर घमासान, विरोध बढ़ा तो पुलिस ने रोक दिया पूरा आयोजन

गोवा में ‘टेल्स ऑफ कामसूत्र फेस्टिवल नामक इस कार्यक्रम को क्रिसमस वीक से जोड़कर प्रमोट किया जा रहा था, जिसे कई संगठनों ने सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से अनुचित बताया।

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बढ़ते विरोध को देखते हुए गोवा पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और पूरे इवेंट को रद्द करवाने का आदेश जारी कर दिया।

कौन-सा फेस्टिवल था जिसने मचा दी हलचल?

‘टेल्स ऑफ कामसूत्र फेस्टिवल’ को 25 से 28 दिसंबर तक आयोजित करने की योजना तैयार की गई थी।

इसे “रजनीश फाउंडेशन” के नाम से प्रमोट किया गया था और इसका संचालन ओशो लुधियाना मेडिटेशन सोसाइटी से जुड़े स्वामी ध्यान सुमित के नाम पर बताया गया।

कार्यक्रम में कामसूत्र से जुड़ी कथाओं, ध्यान सेशंस और वेलनेस गतिविधियों को शामिल किया जाना था, लेकिन इसे क्रिसमस वीक के साथ जोड़ना लोगों को बेहद आपत्तिजनक लगा, और यहीं से विवाद शुरू हुआ।

NGO का आरोप—Goa की छवि खराब करने की कोशिश

गोवा में कार्यरत NGO ARZ (Anyay Rahit Zindagi) के संस्थापक अरुण पांडे ने इस कार्यक्रम को लेकर सबसे पहले आवाज उठाई।

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस फेस्टिवल का प्रचार गोवा को “सेक्स टूरिज्म डेस्टिनेशन” की तरह पेश करता है।

पांडे ने आरोप लगाया कि कामसूत्र जैसे विषय को क्रिसमस जैसे धार्मिक पर्व से जोड़ना असंवेदनशील और उकसाने वाला है।

इसके बाद उन्होंने गोवा पुलिस में औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई और कड़ी कार्रवाई की मांग की।

पुलिस ने लिया तत्काल संज्ञान, आयोजकों को दिया सख्त निर्देश

अरुण पांडे की शिकायत सामने आते ही गोवा पुलिस हरकत में आ गई।

पुलिस ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि उन्होंने इस विज्ञापन को गंभीरता से लिया है।

पुलिस ने आयोजकों को कार्यक्रम रद्द करने का आदेश दिया और निर्देश दिया कि सोशल मीडिया पर डाले गए सभी पोस्ट, वीडियो और प्रमोशनल विज्ञापन तुरंत हटाए जाएं।

साथ ही राज्य के सभी पुलिस थानों को ऐसे आयोजनों पर कड़ी नजर रखने को भी कहा गया।

पोस्टर में विवरण गायब, लेकिन OSHO नाम का इस्तेमाल बढ़ा विवाद

इस फेस्टिवल के पोस्टर ने भी कई सवाल खड़े किए. पोस्टर में कार्यक्रम स्थल का जिक्र नहीं था, लेकिन “भगवान श्री रजनीश फाउंडेशन” का नाम prominently दिखाया गया था।

इसके साथ स्वामी ध्यान सुमित का नाम और ‘कामसूत्र + क्रिसमस सेलिब्रेशन’ की मिक्स्ड थीम सबसे बड़ा विवाद बना।

लोगों का कहना था कि धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर ऐसा प्रमोशन बिल्कुल अनुचित है।

राजनीतिक पार्टियां और स्थानीय संगठन भी विरोध में उतर आए

मामला केवल सामाजिक समूहों तक सीमित नहीं रहा. कई राजनीतिक पार्टियों और स्थानीय संगठनों ने भी फेस्टिवल का विरोध किया।

उत्तर गोवा के सांत क्रूज़ कांग्रेस यूनिट ने इसे क्रिसमस की पवित्रता के खिलाफ बताया।

स्थानीय संगठनों का कहना था कि गोवा पहले से ही पर्यटन के कारण कई तरह की चुनौतियों का सामना करता है, और ऐसे इवेंट उसकी सांस्कृतिक छवि को नुकसान पहुंचाते हैं.

सोशल मीडिया पर भी फूटा गुस्सा, आयोजक अब तक चुप

पोस्टर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर आलोचनाओं की बाढ़ आ गई।

लोगों ने इसे अभद्र, भड़काऊ और गोवा की पहचान को ठेस पहुंचाने की कोशिश बताया।

बढ़ते विवाद और पुलिस कार्रवाई के बाद भी आयोजकों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

यह भी स्पष्ट नहीं है कि कार्यक्रम केवल स्थगित हुआ है या पूरी तरह रद्द कर दिया गया है।

फिलहाल कार्यक्रम रद्द, भविष्य को लेकर संशय

पुलिस हस्तक्षेप, NGO की शिकायत और जनविरोध के बाद यह साफ हो गया है कि यह फेस्टिवल अब गोवा में आयोजित नहीं होगा।

हालांकि, आयोजक भविष्य में इसे किसी नए नाम या नए प्रारूप में दोबारा लाने की कोशिश करेंगे या नहीं, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।

फिलहाल, ‘टेल्स ऑफ कामसूत्र फेस्टिवल’ गोवा में होने से पहले ही विवादों में घिरकर समाप्त हो गया है।

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