बांग्लादेश हिंसा: दुनिया के कई हिस्सों में जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों को असुरक्षा, हिंसा और भेदभाव का सामना करना पड़ता है,
वहीं एक मुस्लिम देश ऐसा भी है जो हिंदुओं की सुरक्षा, सम्मान और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए मिसाल बनकर उभरा है।
हाल के समय में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और एक हिंदू युवक की हत्या की घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ाई है।
ऐसे माहौल में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर वह कौन सा मुस्लिम देश है, जहां हिंदू खुद को सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।
बांग्लादेश हिंसा: यूएई को हिंदुओं के लिए सबसे सुरक्षित
संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई को हिंदुओं के लिए सबसे सुरक्षित मुस्लिम देश माना जाता है। यहां रहने वाले हिंदू न केवल बिना डर के अपने धर्म का पालन करते हैं,
बल्कि अपनी संस्कृति और परंपराओं को भी खुलकर जीते हैं। यूएई की सबसे बड़ी खासियत उसकी सख्त कानून व्यवस्था और धार्मिक सहिष्णुता की नीति है।
यहां किसी भी धर्म, जाति या समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाना कानूनन अपराध है।
यूएई में साल 2023 में लागू संघीय कानून संख्या 34 के तहत धार्मिक अपमान, नफरत भरे भाषण या किसी भी तरह के भेदभाव पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
अगर कोई व्यक्ति हिंदू या किसी अन्य समुदाय के खिलाफ ऐसा करते हुए पाया जाता है, तो उस पर 5 लाख से लेकर 20 लाख दिरहम तक का जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है।
खास बात यह है कि यह कानून सोशल मीडिया पर भी पूरी तरह लागू होता है। इसी वजह से प्रवासी हिंदुओं को यहां मजबूत कानूनी सुरक्षा और भरोसे का माहौल मिलता है।
यूएई हिंदू मंदिरों की धार्मिक स्वतंत्रता का प्रमाण
यूएई में हिंदू मंदिरों की मौजूदगी भी धार्मिक स्वतंत्रता का बड़ा प्रमाण है। फरवरी 2024 में अबू धाबी में भव्य बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन हुआ, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।
यह मंदिर न सिर्फ पूजा स्थल है, बल्कि सांस्कृतिक संवाद और आपसी सम्मान का प्रतीक भी है। इसके अलावा दुबई के जेबेल अली में स्थित हिंदू मंदिर, जो 2022 में खुला था, रोजाना हजारों श्रद्धालुओं की सेवा करता है।
वहीं बुर दुबई का श्रीकृष्ण मंदिर, जिसकी स्थापना 1958 में हुई थी, यह दिखाता है कि यूएई में दशकों से हिंदू पूजा को स्वीकार किया जाता रहा है।
सरकारी नीतियों की बात करें तो यूएई दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां मिनिस्ट्री ऑफ टोलरेंस एंड कोएक्जिस्टेंस यानी सहिष्णुता और सह-अस्तित्व का मंत्रालय है।
यह मंत्रालय अलग-अलग धर्मों और समुदायों के बीच आपसी सम्मान और शांति को बढ़ावा देता है।
साल 2025 को यूएई सरकार ने “कम्युनिटी का साल” घोषित किया है, जिसमें 200 से अधिक राष्ट्रीयताओं के बीच एकता पर जोर दिया जा रहा है।
हिंदू त्योहारों को सार्वजनिक रूप से मनाने की आजादी
यूएई में हिंदू त्योहारों को भी सार्वजनिक रूप से मनाने की पूरी आजादी है। दिवाली, होली और नवरात्रि जैसे पर्व खुले तौर पर मनाए जाते हैं।
दिवाली के अवसर पर बुर्ज खलीफा जैसी प्रतिष्ठित इमारतों को रोशनी से सजाया जाता है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को सरकारी स्तर पर समर्थन मिलता है।
यह सब दिखाता है कि यहां हिंदू संस्कृति को सम्मान की नजर से देखा जाता है।
सुरक्षा के लिहाज से भी यूएई दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में गिना जाता है। 2025 के नुम्बियो सेफ्टी इंडेक्स में यूएई शीर्ष सुरक्षित देशों में शामिल है।
यहां कानून का सख्ती से पालन होता है, जिससे अपराध दर बेहद कम है। यूएई की कुल आबादी में लगभग 30 से 35 प्रतिशत भारतीय हैं, जिनमें बड़ी संख्या हिंदुओं की है।
वे बिजनेस, कंस्ट्रक्शन, हेल्थ केयर, टेक्नोलॉजी और सेवा क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

