Interesting Facts: साबुन को जैसे ही घिसा जाता है उसमें से सफ़ेद झाग निकलने लगता है। ये झाग कई सारे छोटे बुलबुलों को मिलाकर बनता है। यह सभी बुलबुले सूर्य की किरणें जाते ही अलग-अलग दिशा में रिफ्लेक्ट होने लगते हैं और झाग का टेक्सचर बनाने लगते हैं।
कपड़े धोने, नहाने और बर्तन धोने के साबुनों को जब घिसते हैं तो उसमें से झाग निकलते हैं। खास बात ये है कि जब ये झाग निकलते हैं तो इस दौरान साबुन का शेप और रंग अलग हो जाता है लेकिन उसमें से निकलने वाले झाग का रंग सफ़ेद ही रहता है। लेकिन क्या आपने कभी ये कहा है कि साबुन से झाग क्यों निकलते हैं। आइये आज साबुन से जुड़े कुछ फैक्ट्स जानते हैं।
जानिये साबुन से झाग निकलने के पीछे का वैज्ञानिक कारण
जब साबुन को घिसा जाता है तो उसमें से निकलने वाले झाग कई सारे बुलबुलों को मिलकर एक बनता है। ये सारे बुलबुले सूरज की किरणें जाते ही अलग-अलग दिशा में रिफ्लेक्ट करने लगते हैं। यही कारण है कि सूर्य कि किरणें के दिशा में न जाकर सभी दिशाओं में बिखर जाती हैं।
क्यों झाग का रंग हमेशा सफ़ेद होता है?
Interesting Facts: गौरतलब है कि झाग पर पड़ने वाली रॉष्मी के सभी रंग बदल होते हैं। यही कारण है कि साबुन के अलग-अलग रंग होने के बाद भी उसके झाग का रंग हमेशा सफ़ेद ही रहता है। रौशनी के परावर्तन के लिए झाग का शीशे जैसा यानि बुलबुलों का आना एक कारण है।
प्रकाश का परावर्तन क्या है?
ये एक प्रक्रिया है जिसके तहत प्रकाश की किरण किसी सरफेस से टकराकर वापस लौट जाती है। इस ही को प्रकाश का परावर्तन कहा जाता है। ये किसी चमकदार वस्तु के कारण होता हैख़ास बात ये है कि साबुन के झाग में भी अनगिनत चमकदार और शीशे जैसा व्यवहार करने वाले यही बुलबले मौजूद होते हैं।
साबुन का झाग ही हमारे शरीर की सफाई करता है
Interesting Facts: अब सवाल है कि क्या साबुन के झाग से ही शरीर की सफाई होती है? दरअसल शोध बताते हैं कि साबुन से निकलने वाला झाग स्किन से गंदगी के अलावा मेकअप, तेल, धूल, बैक्टीरिया, और सभी कीटाणुओं को शरीर से हटाने का काम करता है। इससे त्वचा मुलायम और मॉइस्चराइज रहती है।