Indian Defence: भारत सरकार अब वायुसेना की ताकत को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी में जुट चुकी है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की पैनी नजर वायुसेना से जुड़े सभी कार्यक्रमों पर है।
इसी कड़ी में पीएमओ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉ. पी.के. मिश्रा ने बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के मुख्य परिसर का दौरा किया और स्वदेशी रक्षा उत्पादन की प्रगति का गहन निरीक्षण किया।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की तैयारी और तेज
Indian Defence: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय वायुसेना की निर्णायक भूमिका के बाद अब सरकार लड़ाकू विमानों की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
भारत की वायु शक्ति को और मजबूती देने के लिए PMO अब सीधे तौर पर HAL की गतिविधियों की समीक्षा कर रहा है।
LCA तेजस प्रोग्राम की समीक्षा, निर्माण में हो रही देरी पर चिंता
Indian Defence: पीके मिश्रा ने एलसीए तेजस (LCA Tejas) के असेंबली हैंगर और मार्क-2 वर्जन के निर्माण स्थल का दौरा किया।
HAL के अधिकारियों ने बताया कि तेजस मार्क-1A वर्जन के 6 फाइटर जेट और 1 ट्रेनर एयरक्राफ्ट बनकर तैयार हैं।
हालांकि अमेरिका से एविएशन इंजन की आपूर्ति में देरी हो रही है।
अब तक सिर्फ 1 F-404 इंजन मिला है, जबकि कुल 99 इंजनों का समझौता किया गया था।
मार्क-2 और स्टील्थ फाइटर ‘एमका’ को लेकर भी नजर
Indian Defence: तेजस मार्क-2 और भविष्य के स्टील्थ फाइटर एमका (AMCA) प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका से एफ-414 इंजन की डिलीवरी का इंतजार किया जा रहा है।
यह देरी, भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान निर्माण को प्रभावित कर रही है, जिस पर अब सीधे PMO की नजर है।
स्वदेशी हेलीकॉप्टर और ट्रेनर एयरक्राफ्ट की भी समीक्षा
पीके मिश्रा ने HAL द्वारा विकसित अन्य स्वदेशी एयरक्राफ्ट का भी निरीक्षण किया।
इनमें लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) ‘प्रचंड’, लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच), लाइट एडवांस हेलीकॉप्टर (ALH) ‘ध्रुव’ और ट्रेनिंग के लिए हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर (HTT-40) शामिल हैं।
गगनयान और SSLV पर भी फोकस
Indian Defence: HAL की इस विज़िट के दौरान डॉ. मिश्रा ने गगनयान मिशन से जुड़ी तैयारियों का भी जायजा लिया।
इसरो चेयरमैन डॉ. वी नारायण और HAL प्रमुख डॉ. डी के सुनील की मौजूदगी में स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) की भी जानकारी दी गई।
क्रायोजेनिक इंजन निर्माण का निरीक्षण
Indian Defence: मिश्रा ने HAL की इंटीग्रेटेड क्रायोजेनिक इंजन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का भी निरीक्षण किया, जो भारत के अंतरिक्ष अभियानों की आत्मनिर्भरता में बड़ी भूमिका निभा रही है।
इस दौरे से स्पष्ट है कि भारत की रक्षा और अंतरिक्ष शक्ति को लेकर मोदी सरकार कोई कोताही नहीं बरतना चाहती।
PMO अब सीधे इन कार्यक्रमों की निगरानी कर रहा है ताकि रणनीतिक देरी को रोका जा सके और स्वदेशी रक्षा निर्माण को तेज़ गति से आगे बढ़ाया जा सके।