Indian Defence: भारतीय सेना को मिलने जा रही है एक ऐसी ताक़त मिलने जा रही है को तेज होने के साथ पूरो तरह से देसी भी है।
ये है AK-203 असॉल्ट राइफल, जो एक मिनट में 700 राउंड फायर कर सकती है और जिसकी मारक क्षमता 800 मीटर तक है, अब ये ‘भारत का शेर’ कहलाएगी।
इसका निर्माण उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित कोरवा प्लांट में हो रहा है।
खास बात यह है कि 2025 के अंत तक यह राइफल पूरी तरह स्वदेशी हो जाएगी।
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6 लाख राइफल का टारगेट, 70 हज़ार इस साल मिलेंगी
Indian Defence: 6 लाख AK-203 राइफलों का निर्माण लक्ष्य है, जिसमें से 48 हज़ार सेना को सप्लाई हो चुकी हैं।
इस साल के अंत तक 70 हज़ार और दी जाएंगी।
अभी 50% स्वदेशी मटेरियल के साथ तैयार हो रही है, लेकिन दिसंबर 2025 से 100% देसी होगी।
तब इसे ‘शेर’ का नाम दिया जाएगा। 2032 तक ये पूरी तरह से पुरानी INSAS राइफल्स की जगह ले लेगी।
मोदी-पुतिन ने रखा था नींव, अब बनी देश की पहली Indo-Russian प्राइवेट कंपनी
Indian Defence: इस प्रोजेक्ट की नींव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रखी थी।
दोनों देशों के बीच 5200 करोड़ का करार हुआ था।
इसके तहत पहली बार एक संयुक्त प्राइवेट लिमिटेड कंपनी – Indo Russian Rifles Private Limited (IRRPL) बनाई गई, जिसकी कमान भारतीय सेना के मेजर जनरल एस.के. शर्मा के हाथों में है।
कंपनी कोरबा प्लांट को दुनिया की टॉप 5 डिफेंस कंपनियों में लाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
भारत में बनी राइफल अब होगी एक्सपोर्ट भी
Indian Defence: मेजर जनरल शर्मा के अनुसार, दिसंबर 2030 तक सभी राइफलें सेना को सौंप दी जाएंगी, जो कि निर्धारित समय से 22 महीने पहले होगा।
इसके बाद इन राइफलों को मित्र देशों को एक्सपोर्ट करने की योजना है।
साथ ही, प्लांट में एके सीरीज़ की दूसरी राइफलों और यूबीजीएल ग्रेनेड लॉन्चर बनाने की भी तैयारी है।
अब पुलिस बल भी दिखा रहे रुचि
Indian Defence: केवल भारतीय सेना ही नहीं, बल्कि राज्य पुलिस और केंद्रीय बल भी AK-203 खरीदने की होड़ में हैं।
हाल ही में केरल पुलिस ने इसकी खरीद के लिए टेंडर जारी किया है।
इसके पीछे एक कारण ये भी है कि मौजूदा थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ही रूस में इसकी तकनीकी बातचीत को अंजाम दिया था।
तकनीक, ताकत और टिकाऊपन में अव्वल है AK-203
Indian Defence: AK-203 का वजन महज 3.6 किलोग्राम है और यह 7.62×39 mm कैलिबर की है।
फायरिंग रेंज 800 मीटर तक है और यह 40,000 राउंड तक फायरिंग क्षमता रखती है।
प्लांट में फायरिंग रेंज और क्वालिटी कंट्रोल लैब की भी सुविधा है।
टेस्टिंग के दौरान 15,000 राउंड फायर कर चुकी राइफलें भी पूरी तरह चालू हालत में पाई गईं।
90% कर्मचारी अमेठी के
Indian Defence: प्लांट में 550 कर्मचारी हैं, जिनमें से 90% अमेठी के लोकल निवासी हैं।
मात्र 12 रूसी टेक्निकल एक्सपर्ट्स सपोर्ट दे रहे हैं।
इससे न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता बढ़ रही है, बल्कि स्थानीय रोज़गार को भी नया बूस्ट मिला है।