Saturday, October 18, 2025

India-US Trade Deal: 48 घंटों में हो सकता है बड़ा समझौता, मोदी-ट्रंप के बीच जारी सीधी बातचीत, टैरिफ, जीएम फसलों और कृषि बाजार को लेकर चल रही खींचतान.

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चर्चा में चल रही व्यापारिक डील अब अपने अंतिम पड़ाव पर है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले 48 घंटों में एक छोटा लेकिन अहम व्यापार समझौता फाइनल किया जा सकता है।

भारत की ट्रेड टीम इस समय वॉशिंगटन में मौजूद है और अपनी वापसी टाल चुकी है ताकि डील को अंतिम रूप दिया जा सके।]

मोदी-ट्रंप के बीच लगातार संवाद जारी

India-US Trade Deal: सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच लगातार संवाद हो रहा है।

बातचीत का केंद्र व्यापारिक मुद्दे हैं, जिन्हें सुलझाकर एक अस्थायी समझौते पर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है।

यह डील 9 जुलाई से पहले पूरी हो सकती है।

अमेरिका की मांगें: GM फसलें, डेयरी और कृषि बाजार में पहुंच

India-US Trade Deal: अमेरिका भारत से कुछ प्रमुख मांगों पर जोर दे रहा है। इनमें प्रमुख है, भारत को जेनिटिकली मॉडिफाइड (GM) फसलों के लिए बाजार खोलना और अमेरिकी डेयरी व कृषि कंपनियों को अधिक पहुंच देना।

यह मांगें भारत के खाद्य सुरक्षा और कृषि ढांचे से सीधे जुड़ी हैं, जिस कारण इन पर सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण है।

भारत की प्राथमिकता: जूते, कपड़े और चमड़े पर टैरिफ में राहत

India-US Trade Deal: दूसरी ओर, भारत अमेरिका से कपड़ा, जूते और चमड़े जैसे उच्च रोजगार सृजन वाले उत्पादों पर टैरिफ में राहत की उम्मीद कर रहा है।

भारत का मानना है कि इन क्षेत्रों में रियायत मिलने से घरेलू उद्योगों को बड़ा फायदा होगा और दोनों देशों के बीच व्यापार का संतुलन बेहतर होगा।

टैरिफ पर मतभेद बना बड़ी रुकावट

India-US Trade Deal: समझौते की राह में सबसे बड़ी बाधा टैरिफ को लेकर है। भारत अभी तक ऐसे किसी समझौते पर हस्ताक्षर के लिए तैयार नहीं है जिसमें टैरिफ से जुड़ी समस्याओं का समाधान न हो।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हाई-इम्प्लॉयमेंट गुड्स पर टैरिफ कटौती नहीं होती, तो 2030 तक 500 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को पाना मुश्किल होगा।

समाधान की कोशिशें तेज, लेकिन समझौता अभी भी पेचीदा

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार डील को लेकर गतिविधियाँ तेज हैं और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत भी जारी है।

हालांकि कुछ प्रमुख बिंदुओं पर दोनों देशों के रुख सख्त हैं। अगले 48 घंटे इस दिशा में निर्णायक हो सकते है।

या तो एक सीमित समझौता होगा, या फिर बातचीत एक बार फिर खिंच सकती है।

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