India-Maldives Relations: भारत और मालदीव के रिश्तों में बीते एक वर्ष में जो ठंडापन आ गया था, अब उसमें फिर से गर्मजोशी लौटती नजर आ रही है।
सोमवार को दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील के बीच हुई मुलाकात इसका जीवंत उदाहरण रही।
इस सौहार्द्रपूर्ण बैठक के बाद साझा तस्वीर और बयानों ने स्पष्ट संकेत दिए कि दोनों देशों ने पुराने मतभेदों को पीछे छोड़ते हुए आगे की ओर बढ़ने का फैसला किया है।
India-Maldives Relations: पहलगाम आतंकी हमले की सख़्त निंदा
अपनी भारत यात्रा के दौरान अब्दुल्ला खलील ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस मौके पर भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में मालदीव भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, खलील ने यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और मालदीव इस दिशा में भारत का पूर्ण समर्थन करता है।
डॉ. जयशंकर ने जताया विश्वास
India-Maldives Relations: बैठक के बाद डॉ. एस. जयशंकर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा,
“मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील से मिलकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। आतंकवाद के खिलाफ उनके समर्थन और एकजुटता का हम स्वागत करते हैं। भारत हमेशा मालदीव की प्रगति और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।”
इस बयान से यह स्पष्ट है कि भारत, अतीत की कड़वाहट को भुलाकर क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग की भावना से आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
India-Maldives Relations: बीते साल के तनावपूर्ण रिश्ते
India-Maldives Relations: मालूम हो कि पिछले वर्ष मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के शासन में भारत-मालदीव रिश्तों में खटास आ गई थी। मालदीव सरकार के कुछ मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों ने भारतीय जनमानस में गहरी नाराजगी पैदा कर दी थी।
इसके चलते सोशल मीडिया पर ‘#BoycottMaldives’ जैसे ट्रेंड भी चले थे। इसके साथ ही, भारत द्वारा मालदीव को दिए गए हेलीकॉप्टर और विमानों की देखरेख में लगे भारतीय सैनिकों को भी वहां से वापस बुलाया गया था।
भारत की संतुलित और सहयोगी प्रतिक्रिया
India-Maldives Relations: इन चुनौतियों के बावजूद भारत ने संयमित और परिपक्व रुख अपनाया। अक्टूबर 2024 में जब मालदीव गंभीर विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहा था, तब भारत ने आगे बढ़कर आर्थिक सहायता की पेशकश की।
भारत ने 6,300 करोड़ रुपये की सहायता के तहत करेंसी स्वैप डील और 50 मिलियन डॉलर का ट्रेजरी बिल जारी किया। इसके अलावा व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में भी अहम समझौतों पर बातचीत हुई।
India-Maldives Relations: सुरक्षा और आर्थिक साझेदारी पर केंद्रित यात्रा
अब्दुल्ला खलील की यह तीन दिवसीय भारत यात्रा सिर्फ कूटनीतिक प्रतीकों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें समुद्री सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक सहयोग जैसे ठोस विषयों पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों ने व्यापक समुद्री सुरक्षा साझेदारी के क्रियान्वयन की समीक्षा की, जो मुइज्जू की पिछली भारत यात्रा के दौरान तय हुई थी।
नया अध्याय, नई उम्मीदें
India-Maldives Relations: भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने सांस्कृतिक, भौगोलिक और रणनीतिक गहराई में रचे-बसे हैं। बीते वर्ष के उतार-चढ़ाव के बावजूद, हालिया घटनाक्रम इस बात का संकेत हैं कि दोनों देश परिपक्वता के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।
अब्दुल्ला खलील की यात्रा और भारत के प्रति उनकी स्पष्ट समर्थन की भावना से एक सकारात्मक संदेश गया है कि भारत-मालदीव संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हो चुका है—जो पारस्परिक विश्वास, सहयोग और क्षेत्रीय शांति पर आधारित है।