Thursday, December 25, 2025

थाई–कंबोडिया सीमा पर भगवान विष्णु की प्रतिमा तोड़े जाने से उठा अंतरराष्ट्रीय विवाद, भारत ने जताई गंभीर चिंता

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे सीमा विवाद ने अब धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का रूप ले लिया है।

विवादित सीमा क्षेत्र में भगवान विष्णु की एक प्रतिमा को थाई सेना द्वारा हटाए जाने और तोड़े जाने की घटना सामने आने के बाद न केवल दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ी है, बल्कि भारत सहित कई देशों में इसे लेकर चिंता जताई जा रही है।

यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब दक्षिण-पूर्व एशिया में पहले से ही सीमाई स्थिरता को लेकर हालात संवेदनशील बने हुए हैं।

थाईलैंड का स्पष्टीकरण: आस्था नहीं, सुरक्षा प्राथमिकता

थाईलैंड की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मूर्ति को हटाने का फैसला धार्मिक कारणों से नहीं, बल्कि सुरक्षा और सीमा प्रबंधन से जुड़ा हुआ था।

थाई-कंबोडियन बॉर्डर प्रेस सेंटर के अनुसार, जिस स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित की गई थी, वह न तो किसी धार्मिक स्थल के रूप में पंजीकृत थी और न ही वहां धार्मिक अनुष्ठानों की आधिकारिक अनुमति थी।

थाई अधिकारियों का कहना है कि विवादित सीमा पर किसी भी प्रकार का प्रतीकात्मक निर्माण तनाव को और भड़का सकता था।

विवादित जमीन पर संप्रभुता का सवाल

‘द वीक’ की रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड इस मूर्ति को केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत के रूप में देख रहा था।

थाई पक्ष का मानना है कि यह प्रतिमा चोंग आन मा क्षेत्र में उस जमीन पर स्थापित की गई थी, जिस पर वह अपना दावा करता है।

थाई सेना को आशंका थी कि इस तरह की संरचनाएं सीमा पर कंबोडिया की ओर से संप्रभुता जताने के प्रयास का हिस्सा हो सकती हैं, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो सकते थे।

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया: सभ्यता और श्रद्धा से जुड़ा मामला

भारत ने इस घटनाक्रम पर असंतोष जाहिर करते हुए इसे श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करने वाला कदम बताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हिंदू और बौद्ध परंपराओं से जुड़े देवता पूरे दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में गहरी आस्था के साथ पूजे जाते हैं।

उन्होंने कहा कि यह साझा सभ्यतागत विरासत है, जिसे किसी भी क्षेत्रीय विवाद से ऊपर रखा जाना चाहिए।

भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय दावों से अलग हटकर ऐसे कृत्य दुनिया भर के श्रद्धालुओं को ठेस पहुंचाते हैं और इससे बचा जाना चाहिए। नई दिल्ली ने थाईलैंड और कंबोडिया दोनों से संयम बरतने और बातचीत व कूटनीति के जरिए समाधान तलाशने की अपील की है।

कंबोडिया का आरोप: अवैध कार्रवाई

कंबोडिया ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए थाईलैंड की कार्रवाई को अवैध बताया है।

न्यूज़ एजेंसी एएफपी के अनुसार, कंबोडिया का कहना है कि भगवान विष्णु की प्रतिमा उसके क्षेत्र में स्थित थी और थाई सेना ने सीमा का उल्लंघन कर उसे गिराया।

प्रीह विहार प्रांत के सरकारी प्रवक्ता किम चानपनहा ने दावा किया कि यह प्रतिमा वर्ष 2014 में स्थापित की गई थी और यह थाई सीमा से कुछ दूरी पर मौजूद थी।

धर्म, विरासत और राजनीति का टकराव

यह मामला अब केवल दो देशों के बीच सीमा विवाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें धर्म, सांस्कृतिक विरासत और क्षेत्रीय राजनीति के तत्व भी जुड़ गए हैं।

दक्षिण-पूर्व एशिया में हिंदू-बौद्ध परंपराओं की ऐतिहासिक मौजूदगी को देखते हुए इस तरह की घटनाएं व्यापक भावनात्मक प्रतिक्रिया को जन्म देती हैं।

यही कारण है कि भारत ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चिंता जताई और इसे अंतरराष्ट्रीय संवेदनशीलता से जोड़कर देखा।

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Karnika Pandey
Karnika Pandeyhttps://reportbharathindi.com/
“This is Karnika Pandey, a Senior Journalist with over 3 years of experience in the media industry. She covers politics, lifestyle, entertainment, and compelling life stories with clarity and depth. Known for sharp analysis and impactful storytelling, she brings credibility, balance, and a strong editorial voice to every piece she writes.”
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