One Nation One Election Bill: लोकसभा में आज एक देश एक चुनाव से जुड़ा बिल पेश किया गया है। इस समय एक सोचने वाली बात ये भी है कि अगर किसी राज्य कार्यकाल पूरा होने से पहले सरकार गिरती है, तो वन नेशन वन इलेक्शन कैसे काम करेगा। आइये जानते हैं कि इसके लिए इस बिल में क्या प्रावधान है।
आज (मंगलवार) को लोकसभा में आज ‘एक देश-एक चुनाव’ से जुड़ा बिल पेश हुआ है। बता दें कि इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट में 12 दिसंबर को इन दोनों बिलों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दे थी। और आज यानी 17 दिसंबर को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बिल संसद में पेश कर दिया है।
बिल पेश तो हो गया, लेकिन अब सवाल ये है कि इस बिल के लागू होने के बाद अगर किसी राज्य की सरकार कार्यकाल पूरा होने से पहले गिरी तब क्या होगा।
One Nation One Election Bill: अगर सरकार गिरी तो ऐसे होंगे चुनाव
One Nation One Election Bill: बता दें इन दोनों बिलों में कई तरह के प्रावधान किये गये हैं। जिसमें से एक प्रावधान ये भी है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव या अन्य किसी कारण से सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाती है, तो ऐसी स्थिति को संभालने के लिए क्या किया जाएगा।
इस प्रावधान के मुताबिक ऐसी स्थिति में उस राज्य में दोबारा मध्यावधि चुनाव होंगे। लेकिन नई विधानसभा का कार्यकाल सिर्फ अगले लोकसभा चुनाव तक ही रहेगा। इसके अलावा विधेयक में चुनाव आयोग को ये भी निर्देश मिले हैं कि चुनाव कराने से पहले सभी आवश्यक जरूरत पहले ही पूरा की जानी चाहिए। चुनाव आयोग को ईवीएम और वीवीपैट का इंतजाम भी पहली ही करना होगा।
One Nation One Election Bill: क्या कहता है इस बिल का विधेयक
One Nation One Election Bill: विधेयक में लिखे प्रावधान के अनुसार अगर लोकसभा या विधानसभा बीच भांग होती है, तो मध्यावधि चुनाव पांच साल में बाकी बचे समय के लिए करवाए जायेंगे। विधेयक के आर्टिकल 82 (A), 172 और 327 को हिस्सा बनाने का भी प्रस्ताव है।
बता दें कि 82 (A) में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान है। इसके अलावा आर्टिकल 83 में संसद के सदनों के कार्यकाल का प्रावधान है। इसके अलावा विधियक में ये भी कहा गया है कि आम चुनाव के बाद राष्ट्रपति ही ऐलान करेंगे कि एक साथ चुनाव कब होंगे। हालांकि जानकारी के मुताबिक 2029 लोकसभा चुनाव पहले की तरह ही होंगे, और इन ही चुनवों के बाद वन नेशन वन इलेक्शन को लागू किया जाएगा।