आज के समय में हार्ट अटैक (Heart Attack) सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है।
अब ये 30-40 साल के लोगों में भी तेजी से देखने को मिल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, साल 2022 में करीब 2 करोड़ लोग हृदय रोगों से मारे गए, जिनमें ज्यादातर मामले हार्ट अटैक और स्ट्रोक के थे।
हाल ही में डॉक्टर क्रिस्टाबेल अकिनोला ने सोशल मीडिया पर एक केस शेयर किया, जिसमें एक व्यक्ति ने हार्ट अटैक के लक्षण पहचानकर सही कदम उठाए और अपनी जान बचा ली। ये मामला बताता है कि समय पर की गई कार्रवाई ही जीवनरक्षक साबित हो सकती है।
सबसे पहले क्या करें?
अगर आप घर में अकेले हैं और हार्ट अटैक के लक्षण महसूस हो रहे हैं, जैसे सीने में तेज दर्द, सांस फूलना, ठंडा पसीना, या चक्कर — तो सबसे पहला कदम है इमरजेंसी हेल्पलाइन (108 या 112) पर कॉल करना।
फोन को स्पीकर पर रखें ताकि आप दोनों हाथों से खुद को संभाल सकें।
अपनी लोकेशन, एलर्जी और दवाओं की जानकारी साफ-साफ बताएं।
खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल न जाएं, क्योंकि रास्ते में आपकी हालत बिगड़ सकती है।
एंबुलेंस आने दें, ताकि मौके पर ही इलाज शुरू हो सके।
एस्पिरिन से कैसे बच सकती है जान?
अगर आप होश में हैं और आपको एस्पिरिन से एलर्जी नहीं है, तो एक नॉन-कोटेड एस्पिरिन (लगभग 300 mg) को चबाकर लें।
रिसर्च बताती है कि हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों के तुरंत बाद एस्पिरिन लेने से मौत का खतरा 25% तक कम हो सकता है।
ध्यान रखें, गोली निगलने के बजाय चबाकर लेना ज्यादा असरदार होता है क्योंकि इससे दवा तेजी से ब्लड में मिलती है।
क्या खांसकर बचाई जा सकती है जान?
कई सोशल मीडिया पोस्ट्स में बताया जाता है कि गहरी सांस लेकर जोर से खांसना (Cough CPR) हार्ट अटैक में मदद कर सकता है, लेकिन डॉक्टर अकिनोला ने इस पर चेतावनी दी है।
उनके अनुसार, यह तकनीक केवल मॉनिटरिंग वाले मेडिकल सेटअप में ही कुछ मामलों में काम आ सकती है।
घर पर अकेले ऐसा करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
अगर चक्कर या कमजोरी महसूस हो रही है, तो लेट जाएं और पैरों को हल्का ऊपर उठाएं। इससे ब्लड फ्लो बेहतर होता है और अस्थायी राहत मिल सकती है।
खुद को शांत रखें, डर नहीं, धैर्य ज़रूरी
हार्ट अटैक के वक्त घबराना सबसे बड़ी गलती होती है।
डर और पैनिक से हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर दोनों बढ़ जाते हैं, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है।
- गहरी सांस लें,
- कपड़े ढीले करें,
- बैठ जाएं या लेट जाएं,
- और अगर संभव हो तो किसी से फोन पर बात करें, ताकि मन शांत रहे।
पहले से करें कुछ तैयारियां
- अगर आप अकेले रहते हैं, तो कुछ सुरक्षा तैयारी हमेशा रखें:
- फोन को हमेशा पास और चार्ज रखें।
- दरवाजा ऐसे बंद करें कि जरूरत पड़ने पर बाहर से लोग जल्दी पहुंच सकें।
- अपनी दवाओं और एलर्जी की लिस्ट किसी आसान जगह पर रखें, ताकि डॉक्टरों को तुरंत जानकारी मिल सके।
पहले 10 मिनट, आपकी जिंदगी का सबसे अहम वक्त
- डॉक्टरों के अनुसार, हार्ट अटैक के शुरुआती 10 मिनट सबसे ज्यादा निर्णायक होते हैं।
- अगर इस समय में आप सही कदम उठाते हैं —
- इमरजेंसी कॉल करना,
- एस्पिरिन लेना,
- शांत रहना और सही मुद्रा में लेटना, तो आपकी जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
याद रखें कि समय ही इलाज है। जितनी जल्दी कदम उठाएंगे, उतनी ही ज्यादा आपके बचने की संभावना होगी।

