कोलकाता में बारिश का कहर: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता इन दिनों मूसलाधार बारिश की मार झेल रही है। लगातार हो रही भारी वर्षा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
अलग-अलग इलाकों से अब तक सात लोगों की मौत की खबर सामने आई है, जिनमें से अधिकांश की जान पानी में फैले करंट की चपेट में आने से गई है।
बेनियापुकुर, कालिकापुर, नेताजी नगर, गरियाहाट और इकबालपुर जैसे इलाकों में जलभराव की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
सड़कें नदी जैसी दिख रही हैं और जगह-जगह पानी जमा होने के कारण लोगों की आवाजाही पर भी संकट गहराता जा रहा है।
वहीं, मेट्रो और लोकल ट्रेन सेवाओं पर भी इसका बुरा असर पड़ा है, जिससे आम यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
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कोलकाता में बारिश का कहर: पानी में डूबा कोलकाता
कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की रिपोर्ट के अनुसार शहर के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में बारिश की तीव्रता सबसे ज्यादा रही।
गरिया कामदहारी में कुछ ही घंटों में 332 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो स्थिति की भयावहता को दर्शाती है।
इसी तरह जोधपुर पार्क में 285 मिमी, कालीघाट में 280 मिमी, तोपसिया में 275 मिमी, बल्लीगंज में 264 मिमी और उत्तरी कोलकाता के थंटानिया में 195 मिमी बारिश हुई।
इतनी भारी बारिश ने शहर की निचली बस्तियों और भीतरी इलाकों को पूरी तरह पानी में डुबो दिया है।
साउथ बंगाल में भारी बारिश की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस हालात की वजह बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व में बने कम दबाव के क्षेत्र को बताया है।
विभाग का कहना है कि यह कम दबाव वाला क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है, जिससे आने वाले दिनों में दक्षिण बंगाल के कई जिलों में और भी भारी बारिश की संभावना है।
पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, झारग्राम और बांकुड़ा जिलों में बुधवार तक भारी से बहुत भारी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है।
पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की तैयारियां
बरसात का यह प्रकोप ऐसे समय में सामने आया है जब पूरे पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की तैयारियां अपने चरम पर हैं।
कोलकाता में हर साल भव्य पंडाल सजाए जाते हैं और लाखों लोग उनमें शामिल होकर उत्सव का आनंद लेते हैं, लेकिन इस बार लगातार बारिश ने त्योहार की रौनक फीकी कर दी है।
कई पूजा पंडाल पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, वहीं कुछ जगहों पर तेज हवाओं और बारिश की वजह से पंडालों के ढांचे तक उखड़ गए।
कई घरों में भी पानी घुस गया है, जिससे आम जनता त्योहार की खुशियों की बजाय मुश्किलों से जूझने को मजबूर है।
प्रशासन की बढ़ी मुसीबत
इस आपदा ने प्रशासन की कार्यक्षमता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग सोशल मीडिया पर जलनिकासी व्यवस्था की पोल खोलते हुए नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
दुर्गा पूजा जैसे बड़े आयोजन के बीच शहर में जलभराव की समस्या ने सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को भी बढ़ा दिया है।
अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन किस तरह हालात को संभालते हैं और आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं।