हाथरस कांड: हाथरस के सिकंदराराऊ कस्बे में पिछले कई दिन से चल रही तैयारियों के बीच तीन मिनट की भगदड़ ने मौत का ऐसा तांडव मचाया की जिसने भी देखा या सुना उसके हाथ-पैर फूल गए। वहां लावारिस के तरह बिछी लाशों को देख सभी के होश उड़ गए। आप समझ ही गए होंगे हम किस बारे में बात कर रहे हैं। हम उस ही हाथरस कांड की बात कर रहे हैं जिसमें 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी और ना जाने कितने लोग अभी भी hospitals में गंभीर हालत में भर्ती है। हाथरस में ये हादसा यूपी में मशहूर भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के दरबार में हुआ। आइए जानते हैं कि ये बाबा आखिर है कौन, और क्या ये सच में हादसा है या एक रची हुई साजिश।
कुछ ऐसा था बाबा के पहनावा
काला चश्मा, गले में मफलर और सफ़ेद कपडे, हाथरस में जिस बाबा का दरबार श्मसान में बदल गया उसका पहनावा आम बाबाओं जैसा बिलकुल नहीं है। इस बाबा का असली सूरजपाल है कुछ लोग इसे नारायण हरी भी बुलाते हैं। ये अक्सर अपने सत्संग में थ्री piece सूट पहने हुए दिखाई देते हैं, और फिर यही बाबा अपने प्रवचन में लोगों को मोह माया त्यागने का ज्ञान भी देते हैं। बाबा के इस दरबार कि घोषणा पूरे यूपी में कि जा रही थी, जिसके चलते हजारों लोग इन्हें सुनने पहुंच गए और वहां इतनी भीड़ इकट्ठी हो गयी कि वहां बढ़ी गर्मी और उमस के कारण अचानक भगदड़ मच गयी और हे हादसा हो गया।
बाबा हुए फरार
और अब ये बाबा फरार है, पुलिस उसको ढूंढ़ने में लगी है। अब आप ही बताइये जिस बाबा के भक्तों ने उनकी भक्ति पर जान गवां दी उनकी मौत पर इस ढोंगी का दिल जरा भी नहीं पसीजा, शर्मिंदगी तो छोड़ो इसे इस हादसे का जरा सा दुःख भी नहीं है उल्टा ये पाखंडी तो पुलिस के साथ लुका छुपी खेल रहा हैं। खबरें सामने आ रही है इस बाबा के रेप सहित पांच पुलिस cases दर्ज है। बाबा को अक्सर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ देखा जाता है।
योगी आदित्य का ये बयान बाबा को और शक के घेरे में डाल देता है
ऐसे में सामने आया यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का ये बयान जिसने इस बाबा को पूरी तरह से शक के घेरे में डाल दिया है। योगी आदित्यनाथ ये इस घटना पर शक जताया कि यह घटना केवल हादसा नहीं बल्कि एक सोची-समझी साजिश भी हो सकती है। आगे सीएम ने साफ शब्दों में ये भी कहा कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पूरे घटनाक्रम की जांच की जाएगी।
ऐसी घटनाओं के लिए जवाबदेही कौन ?
ये घटनाएं अक्सर होती हैं और भगदड़ के नाम पर ऐसी हत्याओं का कारण बनने वाले ढोंगी बाबाओं पर कोई एक्शन नहीं होता उल्टा उन्हें क्लीन चिट देदी जाती है। बस नाम बदल जाते हैं, चेहरा बदल जाता है, जगह बदल जाती है लेकिन आस्था के सिंहासन पर बैठकर हर बार इस तरह लोगों को मौत के मुंह में भेजने की छूट मिल जाती है? सवाल है क्यों? बदइंतजामी और लापरवाही का ये डिस्काउंट कूपन इन लोगों को किसने दिया? जो भक्त ऐसे बाबाओं पर इतना विश्वास करते हैं वो भी इस घटना से सीख जरूर लें।