H.E. SHKA. SHAIKHA ALI JABER AL-SABAH: एच.ई. शैखा अली जाबेर अल-सबा, कुवैत की पहली आधिकारिक योग शिक्षा संस्थान ‘दारात्मा फॉर योग एजुकेशन’ की संस्थापक हैं। वह जीवनभर ध्यान और योग की साधना में रहीं हैं।
एक समर्पित मानवतावादी के रूप में उन्होंने अपने परिवार, समाज और वैश्विक समुदाय की सेवा को अपना उद्देश्य बनाया है। उनके प्रयासों का उद्देश्य सांस्कृतिक पुल बनाना और विभिन्न समुदायों को एक साथ लाना रहा है।
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जीवन परिचय और योग के प्रति समर्पण
H.E. SHKA. SHAIKHA ALI JABER AL-SABAH: शैखा अल-सबा का जन्म 8 नवंबर, 1976 को हुआ था। उन्होंने 2014 में दारात्मा योग स्टूडियो की स्थापना की, जो कुवैत का पहला आधिकारिक रूप से लाइसेंस प्राप्त योग केंद्र बना।
‘दारात्मा’ नाम अरबी शब्द ‘दार’ (घर) और संस्कृत शब्द ‘आत्मा’ (आत्मा) का मेल है, जो ‘आत्मा का घर’ दर्शाता है। यह नाम ही उनके उद्देश्य को दर्शाता है—भारत और कुवैत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को सशक्त करना।
योग को आधिकारिक मान्यता दिलाने में योगदान
H.E. SHKA. SHAIKHA ALI JABER AL-SABAH: उनके प्रयासों से कुवैत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने योग शिक्षा को आधिकारिक रूप से लाइसेंस देने की नीति लागू की।
यह एक ऐतिहासिक कदम था, जिससे योग और वैकल्पिक चिकित्सा को कुवैत के व्यापारिक और शैक्षिक ढांचे में मान्यता मिली।
उनके इस योगदान ने कई अन्य योग शिक्षकों और स्टूडियो को भी कानूनी रूप से स्थापित होने का मार्ग प्रशस्त किया और कुवैत में वेलनेस उद्योग को मजबूती दी।
बच्चों और युवाओं के लिए ध्यान शिक्षा
H.E. SHKA. SHAIKHA ALI JABER AL-SABAH: 2015 में उन्होंने शेम्स यूथ योगा प्रोग्राम की सह-स्थापना की, जिसमें 0 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए माइंडफुलनेस और आत्म-जागरूकता सिखाने की पाठ्यक्रम सामग्री तैयार की गई।
इस पहल के माध्यम से उन्होंने न केवल बच्चों को मानसिक रूप से सशक्त किया, बल्कि COVID-19 महामारी के समय में जरूरतमंद बच्चों तक शैक्षणिक सामग्री पहुँचाकर उनकी शिक्षा में निरंतरता भी बनाए रखी।
भारत-कुवैत संबंधों में नई ऊर्जा
H.E. SHKA. SHAIKHA ALI JABER AL-SABAH: शैखा अल-सबा को खाड़ी देशों में वेलनेस और योग के प्रचार-प्रसार में अग्रणी माना जाता है।
दिसंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात की और उनके कार्यों की सराहना की। उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें जनवरी 2025 में पद्म श्री सम्मान देने की घोषणा की। वह इस सम्मान को पाने वाली पहली कुवैती नागरिक बनीं।