गरबा विवाद बारां: राजस्थान के बारां शहर के कोटा रोड स्थित राज पैलेस में शुक्रवार की रात गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया था।
लेकिन यह कार्यक्रम आस्था और उत्सव से ज्यादा विवाद के कारण चर्चा में आ गया।
आयोजकों द्वारा गैर-हिंदू युवकों को एंट्री पास दिए जाने पर हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई।
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- जो जयकारे नहीं लगा सकता, उसका यहां कोई स्थान नहीं”
- आयोजकों पर लगे आरोप
- पुलिस ने संभाली स्थिति
- समाज में सतर्कता का संदेश
“जो जयकारे नहीं लगा सकता, उसका यहां कोई स्थान नहीं”
कार्यक्रम के दौरान गैर-हिंदू युवकों की मौजूदगी देख कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और हंगामा खड़ा हो गया।
गरबा विवाद बारां: हिंदू संगठनों के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और आयोजकों को फटकार लगाते हुए कहा – “जो माता रानी के धोक नहीं लगा सकता, जयकारे नहीं बोल सकता, उसे गरबे में आने का कोई अधिकार नहीं है।”
गरबा विवाद बारां: आयोजकों पर लगे आरोप
जानकारी के अनुसार आयोजक देवेंद्र अदलक्खा, सीमा मेहता, आशीष खाण्डे और कार्तिक कोहली ने अधिक कमाई के लिए एंट्री पास बेच दिए।
हिंदू संगठनों का आरोप है कि इस तरह की लापरवाही से समाज की बहन-बेटियों को लव जिहाद का शिकार बनने का खतरा बढ़ता है।
गरबा विवाद बारां: उन्होंने आयोजकों से कहा कि धार्मिक आयोजनों में पैसों को प्राथमिकता देना शर्मनाक है।
गरबा विवाद बारां: पुलिस ने संभाली स्थिति
विवाद बढ़ने पर मौके पर पुलिस और डीएसपी ओमेंद्र सिंह पहुंचे।
गरबा विवाद बारां: अधिकारियों ने पहले माहौल को शांत कराया और फिर आयोजकों को कड़ी चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसे मामलों में सतर्कता बरती जाए।
पुलिस की समझाइश के बाद गरबा कार्यक्रम फिर से शांतिपूर्वक जारी रहा।
गरबा विवाद बारां: समाज में सतर्कता का संदेश
यह घटना केवल एक गरबा पंडाल तक सीमित नहीं रही। पूरे बारां शहर में यह चर्चा का विषय बन गई।
हिंदू संगठनों ने साफ कहा कि देवी पूजा और आस्था से जुड़े कार्यक्रमों में असमाजिक तत्वों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
गरबा विवाद बारां: वहीं पुलिस ने भी आयोजकों को आगे से किसी भी विवाद से बचने की सलाह दी।