Elon Musk: 7 जुलाई, 2025 को टेस्ला इंक के शेयरों में 6.8% की जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई, जिससे कंपनी के मार्केट कैप में एक ही दिन में करीब 150 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
इस गिरावट के पीछे एक अहम कारण एलन मस्क द्वारा ‘अमेरिका पार्टी’ नाम से अपनी नई राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा मानी जा रही है।
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Elon Musk: शेयर में आईं गिरावट
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, टेस्ला के शेयरों में आई इस गिरावट की वजह से एलन मस्क की कुल नेटवर्थ में लगभग 15.3 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है। मस्क की नई पार्टी के ऐलान ने न सिर्फ वॉल स्ट्रीट को चौंकाया,
बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है, क्योंकि यह फैसला ऐसे वक्त में आया जब उनका पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से संबंधों में खटास आ चुकी है।
ट्रंप और मस्क में विवाद
मस्क और ट्रंप के बीच मतभेद की शुरुआत उस वक्त हुई जब मस्क ने ट्रंप के प्रस्तावित “बिग ब्यूटीफुल बिल” का सार्वजनिक रूप से विरोध किया।
इस बिल में भारी सरकारी खर्च और बड़े पैमाने पर टैक्स कटौती का प्रस्ताव था, जिसे मस्क ने “देश को आर्थिक दिवालियेपन की ओर ले जाने वाला कदम” करार दिया।
मस्क का मानना है कि इस बिल से आने वाले वर्षों में अमेरिका के बजट घाटे में 3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की वृद्धि हो सकती है। उनका यह भी तर्क है कि इससे उभरते उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और लाखों नौकरियां खत्म हो सकती हैं।
मस्क ने चुनाव में 250 मिलियन डॉलर का डोनेशन दिया
दिलचस्प बात यह है कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में एलन मस्क ने ट्रंप का खुलकर समर्थन किया था और उनके चुनावी अभियान के लिए लगभग 250 मिलियन डॉलर का भारी-भरकम डोनेशन भी दिया था।
चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने मस्क को ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE)’ का प्रमुख नियुक्त किया था।
इस विभाग का उद्देश्य संघीय नौकरशाही को कम करना और सरकारी खर्च में कटौती के लिए रणनीति तैयार करना था।
हालांकि, मई 2025 में मस्क ने इस पद से इस्तीफा दे दिया और ट्रंप की नीतियों की कड़ी आलोचना शुरू कर दी। तभी से दोनों के संबंधों में तल्खी आ गई।]
मस्क ने बनाई नई पार्टी
एलन मस्क की नई पार्टी “अमेरिका पार्टी” को विशुद्ध रूप से ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के टैक्स एंड स्पेंडिंग एजेंडे के विरोध में देखा जा रहा है। मस्क का कहना है कि यह पार्टी ‘अर्थव्यवस्था की वास्तविक दक्षता’, ‘टेक्नोलॉजी के अनुकूल नीति’ और ‘फेडरल खर्च में पारदर्शिता’ को बढ़ावा देगी।
वहीं, बाजार विश्लेषकों का मानना है कि मस्क की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और ट्रंप से दूरी के चलते निवेशकों में यह आशंका गहराने लगी है कि आने वाले समय में अमेरिकी सरकार से मिलने वाली सब्सिडियों और अनुबंधों में मस्क की कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
खासकर टेस्ला जैसी कंपनियां जो पर्यावरणीय सब्सिडी और ग्रीन इनिशिएटिव पर काफी हद तक निर्भर हैं, वे इस राजनीतिक खींचतान की मार झेल सकती हैं।
इस घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया है कि जब टेक्नोलॉजी और राजनीति एक-दूसरे से टकराती हैं, तो उसका असर सिर्फ वैचारिक नहीं बल्कि वित्तीय स्तर पर भी गहरा होता है।
एलन मस्क की नई पार्टी अमेरिका की राजनीतिक दिशा को कितना प्रभावित करेगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल इसकी कीमत टेस्ला के निवेशकों को चुकानी पड़ रही है।
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