चार्ली किर्क: अमेरिका के जानी-मानी दक्षिणपंथी एक्टिविस्ट और टर्निंग पॉइंट यूएसए के संस्थापक चार्ली किर्क की 10 सितंबर 2025 को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
31 वर्षीय किर्क जब छात्रों को संबोधित कर रहे थे, तभी 22 वर्षीय टायलर रॉबिन्सन ने एक इमारत की छत से गोली दाग दी।
गोली उनकी गर्दन में लगी और कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। आरोपी रॉबिन्सन पर हत्या का केस दर्ज है और दोषी पाए जाने पर उसे फायरिंग स्क्वाड द्वारा मौत की सजा मिल सकती है।
चार्ली किर्क: एक गलती की तो मौत तय है- मस्क
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क इस हत्या से बेहद प्रभावित हुए हैं।
‘द केटी मिलर पॉडकास्ट’ में जब उनसे पूछा गया कि किर्क की हत्या ने उनके काम और जीवन पर क्या असर डाला है, तो मस्क ने स्वीकार किया कि यह घटना उनके लिए जीवन की गंभीरता का बड़ा झटका थी।
उन्होंने कहा कि उनकी ज़िंदगी अब ‘हार्डकोर मोड’ में बदल गई है, जहाँ छोटी-सी गलती भी घातक हो सकती है।
मस्क ने बताया कि सुरक्षा संबंधी खतरे बढ़ गए हैं और इसी कारण वे इन दिनों सार्वजनिक रूप से कम दिख रहे हैं।
एरिज़ोना स्मृति सभा में मस्क की भावुक श्रद्धांजलि
चार्ली किर्क की हत्या के बाद 21 सितंबर को एरिज़ोना में उनकी स्मृति सभा आयोजित की गई, जिसमें एलन मस्क ने भी हिस्सा लिया।
मस्क ने किर्क को एक सशक्त, स्पष्टवादी और प्रभावशाली वक्ता बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर उन लोगों की निंदा भी की, जिन्होंने ऑनलाइन इस हत्या का जश्न मनाया।
मस्क ने इसे ‘निर्ममता की चरम सीमा’ बताते हुए कहा कि किसी की हत्या का समर्थन करना मानवता के खिलाफ है।
ट्रंप ने किर्क को बताया शहीद
इस दर्दनाक घटना पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चार्ली किर्क “अपनी पीढ़ी के दिग्गज” थे और उन्हें “शहीद” की उपाधि दी।
ट्रंप के अनुसार, किर्क की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने स्वतंत्रता, न्याय, ईश्वर, देश, तर्क और सामान्य ज्ञान के लिए हमेशा आवाज उठाई थी।
अमेरिका में सुरक्षा पर बड़ी बहस
चार्ली किर्क की हत्या ने अमेरिकी राजनीति और समाज में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न सिर्फ एक राजनीतिक हत्या का मामला है,
बल्कि सार्वजनिक जीवन से जुड़े बढ़ते जोखिमों और स्वतंत्र अभिव्यक्ति की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल छोड़ती है।
एलन मस्क का यह बयान कि उनकी ज़िंदगी अब ‘हार्डकोर मोड’ में है, इस बात की ओर इशारा करता है कि अमेरिका में सार्वजनिक रूप से मुखर रहने वाले लोग किस तरह बढ़ते खतरे का सामना कर रहे हैं।

