Dust Storm: गर्मियों के दिन अपने साथ लेकर आते हैं धूल भरी हवाएं जिससे घर में मिट्टी भर जाती है। इसे घर से निकालते- निकालते औरतों की कमर रह जाती है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर गर्मियों के मौसम में ही क्यों ये धूल वाली आंधी चलती है? आइये आज इस लेख में इसका जवाब जानते हैं।
Dust Storm: सर्दियां अब गुम हो चुकी है। इसके साथ ही गर्मियां भी दस्तक दे चुकी है। तापमान बढ़ता जा रहा है, ऐसे में धूल भरी आंधी चलना बहुत आम बात है। जब मौसम बदलता है तो पहले खूब तेज धूल भरी आंधी चलती है फिर कभी-कभी हल्की बारिश भी होती है। इन दिनों ये अक्सर देखने को मिलेगा।
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सूरज की किरणें हमेशा एक सी नहीं होती, इसलिए बदलता है मौसम
Dust Storm: सूरज की मौसम बदलने में बहुत बड़ी भूमिका है। सूरज की किरणें धरती पर हमेशा एक समान नहीं पड़ती। यही वजह है कि धरती पर मौसम बदलता है। 21 दिसंबर को सूरज भारत से काफी दूरी पर होता है जिस कारण दिसंबर-जनवरी के महीने में कंपकंपाती ठंड पड़ती है। इसके बाद सूरज धीरे-धीरे भारत की ओर वापस आने लगता है।
फिर आता है 21 जून, वो दिन जब सूरज ठीक भारत के ऊपर होता है। इसलिए इसके आस-पास महीनों में भीषण गर्मी अपना कहर दिखा रही होती है। अब बात करें धूल वाली आंधी कि वो वैज्ञानिकों का मानना है कि अक्सर बारिश का मौसम आने से पहले ये चलती है और बारिश के आगमन का संदेश देती है।
जानें क्यों चलती है धूल वाली आंधी
Dust Storm: भारत में मानसून का आगमन जून के अंत में या जुलाई की शुरुआत में होता है। इसलिए इसकी पहली वजह तो यही है कि जून-जुलाई में मानसून से पहले तेज हवाएं अपने साथ धूल-मिट्टी लेकर आती है। वहीं दूसरी ओर सबसे अहम वजह ये है कि इस दौरान गर्मी भयंकर होती है, इस कारण तापमान बढ़ता है और सूखा पड़ जाता है।
इसलिए तेज हवाएं धूल भरी आंधी के रूप में चलती हैं। बादलों का आधार जमीन से काफी ऊपर होता है। हवा में नमी कम होती है। ऐसे में किसी भी आंधी-तूफान को बनने के लिए गर्म हवा का होना जरूरी होता है। इसके लिए भयानक गर्मी और बढ़ता हुआ तापमान मदद करता है और ये हवाएं धरती पर चलती है।
गर्मी में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहता है
गर्मी के मौसम में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहता है और हवाएं पश्चिम की ओर से आते हुए उत्तर-पश्चिम के मैदानी भागों की ओर अपना रुख लेती हैं। वहीं अगर पूर्व दिशा से हवाएं आनी शुरू हो जाएं और गर्मी ज्यादा हो तो तापमान और दबाव का ऐसा कॉम्बिनेशन होता है कि हर तरफ से तेज हवाएं आने लगती हैं। यही हवाएं धीरे-धीरे आंधी का रूप ले लेती हैं और तबाही मचाती हैं.