DR. Pawan Kumar Goenka: डॉ. पवन कुमार गोयनका का जन्म 23 सितंबर, 1954 को मध्यप्रदेश के हरपालपुर गांव में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के श्री जैन विद्यालय में पूरी करने के बाद उन्होंने आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया।
इसके बाद अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पीएच.डी. प्राप्त की। वे हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम के स्नातक भी हैं।
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अमेरिका से भारत लौटने का संकल्प
DR. Pawan Kumar Goenka: डॉ. गोयनका ने अपने करियर की शुरुआत जनरल मोटर्स, डेट्रॉइट (अमेरिका) के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर में 1979 में की और 1993 तक वहीं कार्यरत रहे।
लेकिन मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्य को महसूस करते हुए उन्होंने अमेरिका का सुविधाजनक जीवन त्याग कर भारत लौटने का निर्णय लिया।
महिंद्रा में परिवर्तनकारी नेतृत्व
DR. Pawan Kumar Goenka: भारत लौटने के बाद डॉ. गोयनका महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड (M&M) से जुड़े, जहाँ उन्होंने एमडी और सीईओ के रूप में कंपनी को वैश्विक पहचान दिलाई।
उनके नेतृत्व में महिंद्रा ने स्कॉर्पियो जैसे अत्याधुनिक और सशक्त वाहन विकसित किए, जिससे उन्हें “स्कॉर्पियो मैन” की उपाधि मिली।
उन्होंने भारतीय ऑटोमोबाइल सप्लायर इकोसिस्टम को भी मजबूत किया, जो आज वैश्विक स्तर पर प्रशंसा प्राप्त करता है।
अंतरिक्ष क्षेत्र में नई दिशा, IN-SPACe का नेतृत्व
DR. Pawan Kumar Goenka: वर्तमान में डॉ. गोयनका भारत सरकार के IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorization Center) के चेयरमैन हैं।
यहाँ वे अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने स्पेस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने, नवाचार को बढ़ाने और युवाओं व स्टार्टअप्स को अवसर देने के लिए नीतियाँ निर्मित की हैं।
उनका नेतृत्व भारत को वैश्विक स्पेस पावर बनाने की दिशा में निर्णायक साबित हो रहा है।
संस्थानों से जुड़ाव और नेतृत्व भूमिका
DR. Pawan Kumar Goenka: डॉ. गोयनका वर्तमान में आईआईटी मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन हैं।
वे SCALE समिति (Steering Committee for Advancing Local Value-add and Exports) के प्रमुख हैं, जो भारत के वाणिज्य मंत्रालय की एक पहल है।
इसके अलावा वे SIAM, SAE इंडिया, ARAI जैसे संस्थानों के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
सम्मानों और पुरस्कारों से सम्मानित यात्रा
DR. Pawan Kumar Goenka: डॉ. गोयनका पहले भारतीय हैं जिन्हें प्रतिष्ठित FISITA मेडल से सम्मानित किया गया। उन्हें बर्ट एल. न्यूकिर्क अवार्ड, चार्ल्स एल. मैक्यून अचीवमेंट अवार्ड, ऑटोकार इंडिया द्वारा 2021 का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और ACMA द्वारा 2022 में समान सम्मान प्राप्त हुआ।
उन्हें 2004 में आईआईटी कानपुर द्वारा Distinguished Alumni Award और 2015 में डॉक्टरेट की मानद उपाधि (Doctor of Science honoris causa) भी दी गई।