Deputy CM Powers: आम तौर पर डिप्टी सीएम का पद, राज्य सरकारों द्वारा राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए किया जाता है। डिप्टी सीएम को कई अहम मंत्रालयों का कार्यभार सौंपा जाता है।
Deputy CM Powers: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के लंबे समय बाद सत्ता हासिल की है। इस बार बीजेपी को सत्ता पूर्ण बहुमत के साथ मिली है। अब बीजेपी की सरकार का गठन भी दिल्ली में हो चुका है। पहली बार विधायक बानी रेखा गुप्ता ने सीएम के पद पर शपथ ली। वो दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी है। उनके साथ छह और विधायकों ने शपथ ली जिनमें प्रवेश वर्मा भी शामिल हैं।
सीएम पद की रेस में प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे था। खबरें थी कि रेखा गुप्ता को कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि प्रवह वर्मा ने कैबिनेट में मंत्री के तौर पर शपथ ली है। ऐसे में सवाल ये है कैबिनेट में डिप्टी सीएम के पद की क्या महत्ता है? वहीँ क्या डिप्टी सीएम और कैबिनेट में मंत्री की शपथ अलग होती है। आइये आपको इन सवालों के जवाब बताते हैं।
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Deputy CM Powers: संविधान में डिप्टी सीएम का पद है?
Deputy CM Powers: भारतीय संविधान के आर्टिकल 163ए कहता है कि, राज्यपाल के कार्यों को पूरा करने में सलाह और मदद के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक मंत्री परिषद रहेगा। वहीं संविधान का, आर्टिकल 164 मंत्री परिषद के गठन से जुड़े नियम बताता हैं। लेकिन इसमें कहीं भी डिप्टी सीएम पद को लेकर कोई ज़िक्र नहीं है। इन दोनों आर्टिकल्स में कहा गया है कि राज्य मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेंगे, वहीं मंत्रियों की नियुक्ति भी मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल कर सकेंगे। इसका मतलब ये कि संविधान में डिप्टी सीएम के पद कि नियुक्ति के बारे में कुछ नहीं लिखा है।
फिर कैसे बनते हैं डिप्टी सीएम
Deputy CM Powers: किसी भी राज्य में डिप्टी सीएम पद की नियुक्ति के लिए किसी भी तरह का संविधान में कोई नियम नहीं है। इसलिए इनकी नियुक्ति प्रतीकात्मक होती है। आम तौर पर डिप्टी सीएम की नियुक्ति राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए की जाती है। डिप्टी सीएम को मुख्या मंत्रालयों का कार्यभार सौंपा जाता है। एक तरीके से ये कहना सही होगा कि डिप्टी सीएम का पद सीएम के बाद सबसे वार्सिस्ट विधायक का होता है।
डिप्टी सीएम के अधिकार अलग हैं?
Deputy CM Powers: बात करें डिप्टी सीएम की तो इनके अधिकार, वेतन भत्ता कैबिनेट में मंत्री के समान ही होते हैं। डिप्टी सीएम अपने प्रशासनिक मंत्रालय के कार्यभार संभालने के लिए जिम्मेदार होते हैं। उन्हें मुख्यमंत्री की तरह कोई ख़ास शक्तियां नहीं मिलती है। डिप्टी सीएम भी एक सामान्य मंत्री की तरह ही शपथ लेते हैं। उन्हें कोई अलग से शपथ नहीं दिलाई जाती है।