Tuesday, November 11, 2025

लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी, फरीदाबाद की i20 कार से लेकर दिल्ली धमाके तक की पूरी कहानी

लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी: दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम (10 नवंबर 2025) कार ब्लास्ट हुआ। इस ब्लास्ट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।

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सफेद Hyundai i20 में हुए इस धमाके ने न सिर्फ 12 लोगों की जान ले ली, बल्कि जांच एजेंसियों के सामने एक पेचीदा रहस्य भी खड़ा कर दिया।

धीरे-धीरे इस कार और इसके मालिकों की कहानी सामने आ रही है, जो आतंक से जुड़ी साजिश की ओर इशारा करती है।

फरीदाबाद की ‘रॉयल कार जोन’ से निकली मौत की गाड़ी

लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी: जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि धमाके में इस्तेमाल हुई कार हरियाणा के फरीदाबाद सेक्टर-32 की Royal Car Zone नाम की दुकान से बेची गई थी।

जांच में सामने आया कि इस दुकान का पुराना पार्टनर वकील अहमद था। अहमद ने बताया कि कार उसके पुराने सहयोगी अमित पटेल ने बेची थी, जो मूल रूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला है और अब फरीदाबाद में अपने परिवार के साथ रह रहा है।

अहमद के मुताबिक, दोनों 2022 में अलग हो गए थे और 2015-16 में कारों का यह कारोबार शुरू किया था।

धमाके की खबर मिलते ही जब उसने अमित को फोन किया, तो उसका मोबाइल बंद मिला।

ऑफिस में शराब की बोतलें और ताश, जांच टीम भी हैरान

लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी: जब जांच एजेंसियों की टीम Royal Car Zone के ऑफिस में पहुंची, तो वहां का नजारा चौकाने वाला था, खुले में रखी शराब की बोतलें, ताश के पत्ते और बिखरा हुआ सामान।

यह देखकर पुलिस को शक हुआ कि यह सिर्फ एक कार डीलिंग शॉप नहीं, बल्कि किसी तरह के अंडरकवर नेटवर्क का हिस्सा भी हो सकता है।

फिलहाल दुकान को सील कर दिया गया है और हर दस्तावेज की जांच जारी है।

कई बार बदली ओनरशिप, फर्जी आईडी से हुआ ट्रांसफर

लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी: कार की असली पहचान का सिरा पकड़ना पुलिस के लिए सबसे मुश्किल साबित हुआ।

रिकॉर्ड्स बताते हैं कि इस कार की ओनरशिप कई बार बदली गई और हर बार अलग-अलग फर्जी आईडी का इस्तेमाल हुआ।

यह तरीका अक्सर आतंकी साजिशों में देखा जाता है, जब ट्रैकिंग से बचने के लिए एक ही वाहन को कई नामों पर ट्रांसफर किया जाता है।

ब्लास्ट से पहले कार की पूरी टाइमलाइन

लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी: दिल्ली पुलिस ने i20 कार की हर मूवमेंट की टाइमलाइन जारी की है

सुबह 8:04 बजे: कार बादरपुर टोल प्लाजा से दिल्ली में दाखिल हुई।

8:20 बजे: ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के पास पेट्रोल पंप पर फ्यूल भरा गया।

दोपहर 3:19 बजे: कार लाल किले की पार्किंग में दाखिल हुई।

शाम 6:00 बजे: कार पार्किंग से बाहर निकली और दरियागंज, कश्मीरी गेट और सुनेहरी मस्जिद के आसपास घूमती रही।

यही इलाका बाद में विस्फोट स्थल से जुड़ा पाया गया।

मालिक से खरीदार तक, उलझी कड़ी

लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी: कार के रजिस्टर्ड मालिक मोहम्मद सलमान को पुलिस ने गुरुग्राम से पकड़ा है।

सलमान ने बताया कि उसने यह कार देवेंद्र नाम के व्यक्ति को बेची थी, जिसने इसे आगे अंबाला में किसी और को बेच दिया।

अब पुलिस हर खरीददार की चेन को जोड़कर उस अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने की कोशिश कर रही है जिसने धमाके के दिन कार चलायी।

फर्जी आईडी में मिला पुलवामा लिंक

लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी: जांच में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब कार से जुड़ी एक फर्जी आईडी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के एक व्यक्ति से जुड़ी पाई गई।

इससे जांच एजेंसियों के शक को और बल मिला कि यह मामला केवल स्थानीय आपराधिक नेटवर्क का नहीं, बल्कि बड़े आतंकी संगठन से जुड़ा हो सकता है।

मौके पर किसी तरह के शरापनेल या गहरा क्रेटर नहीं मिला, जिससे यह अंदेशा है कि इस्तेमाल किया गया विस्फोटक उच्च तकनीकी और नियंत्रित प्रकृति का था।

12 की मौत, 29 घायल, राजधानी हाई अलर्ट पर

लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी: HR 26 7674 नंबर की इस i20 कार में 3 लोग सवार थे। धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियां जलकर खाक हो गईं।
29 लोग गंभीर रूप से घायल हुए जिन्हें LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

दिल्ली पुलिस, NIA, NSG और FSL की टीमें मौके पर जांच में जुटी हैं। राजधानी को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जबकि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बॉर्डर एरिया की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

कौन था मास्टरमाइंड?

लाल किला ब्लास्ट की गुत्थी: अब सबसे बड़ा सवाल यही है क़ि आखिर इस i20 कार को लाल किले के पास पहुंचाने वाला कौन था?

क्या यह सिर्फ एक स्थानीय गिरोह का खेल था या फिर किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क की सुनियोजित साजिश?

जांच एजेंसियों के लिए यह केस सिर्फ एक ब्लास्ट नहीं, बल्कि दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सीधा सवाल है।

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