दिल्ली ब्लास्ट Exclusive: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन ब्लास्ट की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर निवासी डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई को गिरफ्तार किया।
NIA की पूछताछ में मुजम्मिल ने ऐसा नेटवर्क उजागर किया, जो बताता है कि यह ब्लास्ट केवल एक IED हमला नहीं था, बल्कि एक अत्यधिक बुद्धिमानी और तकनीकी तैयारी वाले आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था।
इस पूरे मॉड्यूल को जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े डॉक्टर उमर उन नबी संचालित कर रहा था, जो खुद को ‘EMIR’ कहकर बुलाना पसंद करता था।
चाइनीज़ भाषा में बना ‘सीक्रेट ग्रुप’, 9 भाषाएं जानता था उमर
दिल्ली ब्लास्ट Exclusive: जांच में सामने आया कि आतंकी साजिश को संचालित करने के लिए डॉक्टर उमर ने एक डिजिटल ग्रुप बनाया था, जिसका नाम और भाषा दोनों चीनी (मंदारिन) में थे।
मुजम्मिल ने खुलासा किया कि उमर नौ से अधिक भाषाएं जानता था, जिनमें हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फारसी, अरबी, मंदारिन और फ्रेंच शामिल थीं।
वह अपने आपको एक राजकुमार और सेनापति की तरह पेश करता था और मॉड्यूल में पूरी तरह हुकूमत चलाता था।
IED कैसे तैयार हुआ, नेल पॉलिश रिमूवर, चीनी और टाइमर मैकेनिज्म का इस्तेमाल
दिल्ली ब्लास्ट Exclusive: NIA के अनुसार, लाल किला ब्लास्ट में हाफ-प्रिपेयर्ड IED टाइमर डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था।
इसे तैयार करने में ACETONE (नेल पॉलिश रिमूवर) और पिसी हुई चीनी का इस्तेमाल किया गया था, जो विस्फोट को बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है।
लाल किला ब्लास्ट: जांच एजेंसियों को मुजम्मिल और शाहीन ने बताया कि उमर उन नबी ने यह साजिश 2023 में हुए दो प्रमुख मामलों के बाद रची।
नूंह हिंसा और नासिर-जुनैद केस ने दी ‘बड़े हमले’ की प्रेरणा
दिल्ली ब्लास्ट Exclusive: नूंह में सांप्रदायिक हिंसा और भिवानी में नासिर-जुनैद हत्याकांड। इन घटनाओं के बाद उमर के अंदर भारत के खिलाफ गुस्सा बढ़ा और उसने “देश में माहौल बिगड़ने” की बात कहकर आतंकियों को तैयार करना शुरू किया।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही उमर के मन में सुरक्षा बलों के प्रति गहरी नफरत पैदा हो गई थी।
‘न्यूक्लियर साइंटिस्ट बन सकता था’, उमर के दिमाग और नेतृत्व की दहशत
दिल्ली ब्लास्ट Exclusive: पूछताछ में मुजम्मिल ने बताया कि उमर का दिमाग असाधारण तेज था।
उसकी रिसर्च और फैक्ट्स इतने मजबूत होते थे कि कोई भी उसकी बात काट नहीं पाता था।
वह कम बोलता था पर हर बात “दीन का काम” कहकर जोड़ता था।
मुजम्मिल का कहना है कि उसके ज्ञान और क्षमता में एक न्यूक्लियर वैज्ञानिक बनने की खूबियां थीं।
उसकी नेतृत्व क्षमता इतनी मजबूत थी कि पूरा मॉड्यूल उसी के आदेशों पर चलता था।
डॉक्टर शाहीन: तीसरी शादी, सऊदी का अनुभव और 25 लाख की फंडिंग
दिल्ली ब्लास्ट Exclusive: मुजम्मिल ने बताया कि उसकी मुलाकात डॉक्टर शाहीन से अल-फला यूनिवर्सिटी में हुई थी।
शाहीन उससे उम्र में बड़ी थीं और अपनी तीसरी शादी में उसने मुजम्मिल को चुना।
वह सऊदी अरब में असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुकी थी और आर्थिक रूप से सक्षम थी।
मुजम्मिल के अनुसार, आतंकियों के इस मॉड्यूल को चलाने के लिए शाहीन ने अपने बैंक खाते से लगभग 25 लाख रुपये दिए थे।
शाहीन के पहले दो पति थे। इनमें एक मुंबई और दूसरा गाजियाबाद में रहता था।
जेनोसाइड का डर फैलाकर आतंकियों को ‘दीन का योद्धा’ बनाया जा रहा था
दिल्ली ब्लास्ट Exclusive: मुजम्मिल और शाहीन दोनों ने बताया कि डॉक्टर उमर लगातार यह कथन दोहराता था कि देश में पोलराइजेशन बढ़ गया है और जेनोसाइड हो सकता है।
वह खुद को एक शासक, एक कमांडर समझता था और दल के हर सदस्य को “दीन के लिए तैयार” रहने की सलाह देता था।
उसकी इस कट्टर सोच ने पूरे मॉड्यूल को खतरनाक दिशा में ढकेल दिया।
इस जांच ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लाल किला ब्लास्ट केवल एक घटना नहीं, बल्कि एक बड़े, बुद्धिमान और तकनीकी आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था।
NIA अब इस मॉड्यूल के हर छोर को जोड़ने में लगी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

