CBSE Oil Board: देशभर के स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों की बिगड़ती सेहत और लाइफस्टाइल को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने एक अहम निर्णय लिया है।
अब हर स्कूल को अपने परिसर में एक ‘ऑयल बोर्ड’ लगाना होगा, जिसका मकसद बच्चों को यह बताना है कि वे कितनी मात्रा में और किस प्रकार का तेल अपने खानपान में इस्तेमाल कर रहे हैं।
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मोटापे और जंक फूड से निपटने की पहल
CBSE Oil Board: सीबीएसई का यह निर्णय बच्चों में बढ़ते मोटापे, जंक फूड की लत और फिजिकल एक्टिविटी की कमी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बच्चों में खानपान को लेकर जागरूकता फैलाएं और हेल्दी विकल्पों को अपनाने के लिए प्रेरित करें।
क्या है ‘ऑयल बोर्ड’ का उद्देश्य?
CBSE Oil Board: हर स्कूल में लगाया जाने वाला ऑयल बोर्ड एक शैक्षणिक माध्यम होगा, जिसके ज़रिए छात्र यह समझ सकेंगे कि तले हुए और अत्यधिक तेलयुक्त खाद्य पदार्थ उनके स्वास्थ्य के लिए कैसे हानिकारक हैं।
बोर्ड का डिज़ाइन स्कूल अपनी सुविधा और रचनात्मकता के अनुसार बना सकता है, बशर्ते वह छात्रों के लिए जानकारीपूर्ण और समझने योग्य हो।
स्कूल कैंटीन में भी होगा बदलाव
CBSE Oil Board: सीबीएसई ने निर्देश दिया है कि अब स्कूल कैंटीन में जंक फूड की जगह हेल्दी और बैलेंस्ड मील को प्राथमिकता दी जाए।
इसके अलावा बच्चों को योग, एक्सरसाइज़, खेल और सीढ़ियों के इस्तेमाल जैसी फिजिकल एक्टिविटीज़ के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
इन आदतों से उनका शारीरिक विकास बेहतर होगा और मोटापे जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी।
सभी दस्तावेज़ों में होगा स्वास्थ्य का संदेश
CBSE Oil Board: सीबीएसई के अनुसार अब स्कूलों के सभी आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स में स्वस्थ जीवनशैली और मोटापे से बचाव से जुड़े मैसेज भी शामिल किए जाएंगे।
इससे न सिर्फ छात्र, बल्कि अभिभावक और स्टाफ भी सेहत को लेकर सजग रहेंगे।
FSSAI से ले सकते हैं सहायता
CBSE Oil Board: अगर स्कूलों को ऑयल बोर्ड डिज़ाइन करने में मदद चाहिए तो वे FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) की वेबसाइट या यूट्यूब चैनल से शैक्षिक पोस्टर, स्लाइड्स और वीडियो कंटेंट ले सकते हैं। ]
संपर्क के लिए स्कूल eatright@fssai.gov.in पर मेल कर सकते हैं।