गुजरात में मंत्रिमंडल विस्तार: गुजरात में शुक्रवार, 17 अक्तूबर को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में नई राज्य कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित हुआ।
इस मौके पर भाजपा नेतृत्व ने राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को ध्यान में रखते हुए व्यापक राजनीतिक और जातीय संतुलन के साथ मंत्रिमंडल का गठन किया है।
इस समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
गुजरात में मंत्रिमंडल विस्तार: हर्ष सांघवी बने गुजरात के नए उपमुख्यमंत्री
इस कैबिनेट विस्तार का सबसे अहम चेहरा हर्ष सांघवी रहे, जिन्होंने गुजरात के नए डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली।
सूरत से आने वाले हर्ष सांघवी युवा और प्रभावशाली नेता हैं, जो जैन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
उनके अलावा जितेंद्र वाघानी और कांग्रेस से भाजपा में आए अर्जुन मोढवाडिया ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
मोढवाडिया का कैबिनेट में शामिल होना भाजपा की रणनीतिक चाल मानी जा रही है, जिससे पार्टी कांग्रेस के पारंपरिक वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।
रिवाबा जडेजा बनीं सबसे युवा मंत्री
नई कैबिनेट में क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी और जामनगर उत्तर से भाजपा विधायक रिवाबा जडेजा ने भी मंत्री पद की शपथ ली। 35 वर्ष की उम्र में वह राज्य की सबसे युवा मंत्री बनी हैं।
रिवाबा क्षत्रिय समुदाय से आती हैं और उनका राजनीतिक उभार भाजपा की युवा और महिला नेतृत्व को आगे लाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
अनुभवी नेताओं और नए चेहरों का संतुलन
भूपेंद्र पटेल की नई टीम में 25 मंत्रियों को जगह दी गई है, जिनमें छह पुराने चेहरों को दोबारा मौका मिला है जबकि कई नए चेहरों को पहली बार मंत्री बनने का अवसर मिला।
मोरबी से विधायक कांति अमृतिया, जो कटु पाटीदार समुदाय से हैं और छह बार विधायक रह चुके हैं, ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी पी.सी. बरंडा, जो अरावली के भिलोदा से विधायक हैं, को भी मंत्री बनाया गया है।
कच्छ जिले के अंजार से विधायक त्रिकम छंगा, जो अहीर समुदाय के प्रमुख चेहरे हैं, और नवसारी के गणदेवी से विधायक नरेश पटेल, जो अनुसूचित जनजाति से आते हैं, को भी मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई।
इसके अलावा वाव से विधायक स्वरूपजी ठाकोर और डीसा से प्रवीण माली ने भी शपथ ली।
जातीय समीकरण पर भाजपा का फोकस
गुजरात की नई कैबिनेट भाजपा की सामाजिक और जातीय संतुलन की रणनीति को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। इसमें मुख्यमंत्री समेत आठ पाटीदार नेताओं को जगह दी गई है।
इसके अलावा आठ ओबीसी, चार आदिवासी, तीन अनुसूचित जाति और एक अनाविल ब्राह्मण कनुभाई को कैबिनेट में शामिल किया गया है।
जैन समुदाय से हर्ष सांघवी और क्षत्रिय समुदाय से रीवाबा जडेजा को भी शामिल कर भाजपा ने सभी प्रमुख सामाजिक समूहों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है।
किन्हें बाहर रखा गया नए मंत्रिमंडल से
नई कैबिनेट में कई पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। राघवजी पटेल, बलवंतसिंह राजपूत, कुबेरभाई डिंडोर, मुलुभाई बेरा, भानुबेन बाबरिया, जगदीश विश्वकर्मा,
मुकेश पटेल, भीखूसिंह परमार, कुंवरजीभाई हलपति और बच्चू खाबर जैसे वरिष्ठ नेताओं को इस बार जगह नहीं मिली।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा ने युवा और नई छवि पर फोकस करते हुए यह बदलाव किया है।
2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा कदम
भूपेंद्र पटेल का यह मंत्रिमंडल विस्तार 2027 के विधानसभा चुनाव की दिशा में भाजपा की रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।
पार्टी ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधते हुए यह संदेश दिया है कि वह सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ेगी।
नए चेहरों और सामाजिक विविधता के इस मिश्रण से भाजपा राज्य में अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहती है।