हिंदू पहचान छिपाकर बची जान: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और अत्याचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
हालात इतने खराब हो गए हैं कि कई हिंदू परिवार अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर भारत आने को मजबूर हो गए हैं।
हाल ही में एक हिंदू युवक दीपू दास की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद चटगांव जिले में दो हिंदू परिवारों के घरों में आग लगा दी गई, जिससे पूरे इलाके में डर का माहौल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उग्र भीड़ धर्म पूछ-पूछकर हिंदुओं को निशाना बना रही है।
सड़कों पर घूम रही भीड़ लोगों से उनका नाम, धर्म पूछती है और हिंदू होने पर मारपीट या हमला किया जाता है। ऐसे हालात में हिंदू परिवार खुद को पूरी तरह असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
भारत भागने को मजबूर हिंदू परिवार
बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के कारण कई हिंदू परिवार किसी तरह सीमा पार कर भारत पहुँचे हैं। भारत आए लोगों ने बताया कि वहां का माहौल बहुत डरावना हो गया है।
हर समय यह डर बना रहता था कि कब और कहां हमला हो जाए। लोगों ने कहा कि इस्लामी भीड़ के चंगुल से बचना आसान नहीं था और कई बार तो अपनी पहचान छिपाकर निकलना पड़ा।
तबला वादक मैनाक विश्वास की आपबीती
ढाका गए मशहूर तबला वादक मैनाक विश्वास भी किसी तरह भारत लौट पाए। वे एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे, लेकिन हालात बिगड़ने पर उन्हें अपनी जान बचानी पड़ी।
मैनाक विश्वास ने बताया कि उन्होंने 48 घंटे की मुश्किल यात्रा के बाद भारत वापसी की।
उन्होंने कहा कि हिंसक भीड़ से बचने के लिए उन्हें अपनी हिंदू पहचान छिपानी पड़ी और यहां तक कि अपना नाम भी बदलकर बताना पड़ा।
उन्होंने कहा कि वे पहले भी कई बार बांग्लादेश गए थे, लेकिन इस बार हालात बहुत खराब थे।
सरोद वादक का डर
लोकप्रिय सरोद वादक शिराज अली खान भी बांग्लादेश में हिंसा के बीच फँस गए थे। ढाका में उनका कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था।
वे दो दिन तक होटल के कमरे में छिपे रहे। जब भी बाहर जाना पड़ता था, वे अपनी भारतीय पहचान छिपाते थे।
उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट जाते समय उन्होंने पासपोर्ट भी छिपा लिया और स्थानीय भाषा में बात की, ताकि किसी को शक न हो।
उनका कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अपनी पहचान छिपाकर जान बचानी पड़ेगी।
डर के साये में हिंदू समुदाय
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय आज डर के माहौल में जी रहा है। घर जलाए जा रहे हैं, लोगों की जान जा रही है और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
ऐसे में हिंदुओं का भरोसा टूटता जा रहा है और वे सुरक्षित भविष्य के लिए भारत की ओर देखने लगे हैं।

