मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 6 दिसंबर, 2025 तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूँ कबीर ने कथित ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रखी।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए और सऊदी अरब से मौलाना को भी बुलाया गया।
शिलान्यास से जुड़ी राजनीतिक और धार्मिक संवेदनशीलता के कारण यह आयोजन शुरू से ही चर्चा में रहा, लेकिन इसके बाद एक वीडियो ने पूरे विवाद को और भड़का दिया।
वायरल वीडियो में सिर काटने की धमकी
मुर्शिदाबाद: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एक व्यक्ति बेहद उग्र भाषा में यह कहते हुए दिखाई देता है कि यदि किसी ने बाबरी मस्जिद के निर्माण का विरोध किया, तो वे उसका सिर काट देंगे और उससे फुटबॉल खेलेंगे।
वीडियो में वह ‘हुमायूँ कबीर जिंदाबाद’ के नारे भी लगाता है। इस वीडियो ने न सिर्फ स्थिति को और संवेदनशील बनाया, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।
बीजेपी का आरोप और वीडियो पर प्रतिक्रिया
मुर्शिदाबाद: बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस वीडियो को X पर साझा किया और इसे ममता सरकार की विफलता बताया।
मालवीय का कहना है कि बंगाल में कट्टरपंथी तत्व अब खुलकर हिंसा की धमकी दे रहे हैं और प्रशासन पूरी तरह चुप है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह मस्जिद को ‘बाबरी’ नाम दिया गया है, वह जानबूझकर माहौल को भड़काने और हिंदू समुदाय को उकसाने का प्रयास है।
बंगाल को ‘इस्लामिक राज्य’ बनाने का आरोप
मुर्शिदाबाद: अमित मालवीय ने दावा किया कि ममता सरकार के शासन में बंगाल सुनियोजित तरीके से एक इस्लामी राज्य की ओर बढ़ रहा है।
उनके अनुसार, राज्य में हिंदुओं को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है और कट्टरपंथी शक्तियों को खुली छूट मिली हुई है।
उन्होंने यह भी लिखा कि अगर इसी तरह की परिस्थिति जारी रही, तो 2026 तक स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है।
बीजेपी ने इसे ममता सरकार की अल्पसंख्यक तुष्टीकरण राजनीति का परिणाम बताया है।
सोशल मीडिया पर जनआक्रोश
मुर्शिदाबाद: वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर जनता में तीखी प्रतिक्रिया दिखाई दी। लोग बड़ी संख्या में इस बयान की निंदा कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
उपयोगकर्ताओं ने कहा कि बिना किसी कार्रवाई के इस तरह की धमकियाँ राज्य में भय का माहौल पैदा करेंगी और यह कानून-व्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।
राजनीतिक टकराव और बढ़ता विवाद
मुर्शिदाबाद की यह घटना धीरे-धीरे एक बड़े राजनीतिक टकराव में बदलती जा रही है।
तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो गए हैं। जहां बीजेपी इस घटना को लेकर सरकार पर हमलावर है, वहीं बंगाल की जनता भी प्रशासन की प्रतिक्रिया पर नज़र रखे हुए है।
अब देखना यह है कि ममता सरकार धमकी देने वाले व्यक्ति के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करती है या नहीं, क्योंकि इसी पर आगे की राजनीतिक दिशा निर्धारित होगी।

