अयोध्या
यज्ञ मंडप में पाँच दिवसीय विशेष अनुष्ठान की तैयारी
राम मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्मध्वजा फहराने से पहले यज्ञ मंडप में पाँच दिवसीय विशेष अनुष्ठान होगा।
इसी अनुष्ठान के दौरान धर्मध्वजा को रामलला के समक्ष स्थापित कर पूजन किया जाएगा, ताकि ध्वज को शिखरारोहण के योग्य वैदिक स्वीकृति मिल सके।
केंद्रीकृत पूजन व्यवस्था से जुड़े वैदिक मंत्र और प्रक्रियाएँ
यज्ञ मंडप का पूजन एक केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत संचालित होगा, जहाँ से उच्चारित मंत्र पूरे परिसर में पूजन क्रम का आधार बनेंगे।
इन मंत्रों के साथ राम मंदिर सहित अन्य मंदिरों में धार्मिक गतिविधियाँ आगे बढ़ेंगी, ताकि सम्पूर्ण परिसर एक ही विधान से जुड़ा रहे।
धर्मध्वजा पूजन की विधि पर विद्वानों के बीच विस्तृत मंथन
धर्मध्वजा की पूजन-परंपरा को लेकर अयोध्या और काशी के वैदिक विद्वानों में लगातार विमर्श जारी है।
विद्वान इस बात पर तैयारियों में जुटे हैं कि पूजन का स्वरूप कैसा हो और इसे किस क्रम से संपन्न किया जाए। प्रारूप 21 नवंबर से पूर्व सार्वजनिक हो सकता है।
प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजा आरोहण से पहले अनिवार्य पूजन
ट्रस्ट के एक ट्रस्टी ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा ध्वज फहराए जाने से पहले इसका विधिवत पूजन होगा।
पूजन में भगवान राम की अर्चना होगी और पंचोपचार, रोली, चावल, पुष्प, धूप-दीप तथा नैवेद्य, के माध्यम से धर्मध्वजा का सम्मानपूर्वक अभिषेक किया जाएगा।
स्वस्तिवाचन, मंगलवाद्य और वैदिक वातावरण में ध्वजा आरोहण
धर्मध्वजा फहराए जाने के समय वैदिक आचार्य लगातार स्वस्तिवाचन करते रहेंगे, जिससे वातावरण पूर्णतः वैदिक और शुभ बना रहेगा।
उसी दौरान मंगल वाद्य निनादित होंगे, ताकि ध्वजा आरोहण के प्रत्येक क्षण को आध्यात्मिक महत्ता और औपचारिक गरिमा मिल सके।
25 नवंबर को मुख्य शिखर पर ध्वजा फहराएँगे प्रधानमंत्री
ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने पुष्टि की कि धर्मध्वजा का संपूर्ण विधिवत पूजन संपन्न होने के बाद 25 नवंबर को प्रधानमंत्री इसे राम मंदिर के मुख्य शिखर पर फहराएँगे।
यह क्षण मंदिर प्रांगण में पाँच दिनों तक चले शुद्धिकरण और अनुष्ठानों की परिणति होगा।

