Ashok Kumar Mahpatra: प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार महापात्र एक प्रतिष्ठित न्यूरोसर्जन और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में भारत के प्रमुख नामों में से एक हैं। वर्ष 2025 में उन्हें भारत सरकार द्वारा चिकित्सा विज्ञान में उनके विशिष्ट योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान उन्हें भारत में न्यूरोसर्जरी, चिकित्सा अनुसंधान, मेडिकल टेक्नोलॉजी, मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थानों की स्थापना में उनके चार दशकों के योगदान के लिए प्रदान किया गया।
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Ashok Kumar Mahpatra: शैक्षणिक पृष्ठभूमि और करियर की शुरुआत
29 दिसंबर 1952 को पुरी (ओडिशा) में जन्मे डॉ. महापात्र ने 1970 में एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया और 1975 में MBBS की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने AIIMS दिल्ली से MS और MCh (न्यूरोसर्जरी) किया।
1983 से 2017 तक वे AIIMS दिल्ली में न्यूरोसर्जरी विभाग में फैकल्टी रहे। 1996 में वे प्रोफेसर और 2004 में वरिष्ठ प्रोफेसर नियुक्त हुए। AIIMS में लगभग 42 वर्षों की सेवा के बाद वे Dean (Research) पद से सेवानिवृत्त हुए।
इसके बाद वे SOA University, भुवनेश्वर के वाइस चांसलर बने और वर्तमान में SOADU के मेडिकल एडवाइजर हैं।
प्रशासनिक और संस्थागत योगदान
डॉ. महापात्र ने 2006 से 2009 तक संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI), लखनऊ के निदेशक के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने टेलीमेडिसिन, लिवर ट्रांसप्लांट, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, ट्रॉमा सेंटर, और पेडियाट्रिक सेंटर जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी कीं और SGPGI के दूसरे चरण का विस्तार कराया।
2012 में वे AIIMS भुवनेश्वर के संस्थापक निदेशक बने। उन्होंने संस्थान को शून्य से खड़ा किया और MBBS, BSc (नर्सिंग), DM/MCh और BSc (मेडिकल टेक्नोलॉजी) जैसे कोर्स शुरू करवाए। उनका योगदान AIIMS भुवनेश्वर को एक शीर्ष संस्थान बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
शोध और अकादमिक योगदान
डॉ. महापात्र ने 870 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित किए हैं, जिनमें 26,800 से अधिक बार उद्धरण दिए गए। उनका H-Index 64 और i10-Index 569 है। उन्होंने 16 पुस्तकें और 140 से अधिक अध्याय लिखे हैं।
AIIMS में उन्होंने 12 पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन किया और 20 से अधिक शोध परियोजनाएं पूरी कीं। 2019 से 2023 तक वे विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों, 5% न्यूरोसर्जनों और 1% पेडियाट्रिक न्यूरोसर्जनों में गिने गए।
राष्ट्रीय और वैश्विक संगठनों की स्थापना
उन्होंने 2011 में Neurological Surgeon Society of India (NSSI) और Indian Society of Peripheral Nerve Surgery (ISPNS) की स्थापना की और पहले अध्यक्ष बने। उन्होंने भारत में पेडियाट्रिक न्यूरोसर्जरी (1989–2012)।
न्यूरोट्रॉमा (1991–2020), स्कल-बेस सर्जरी (1998–2020), और परिधीय तंत्रिका सर्जरी (2020–2020) के क्षेत्रों को नई दिशा दी। उन्होंने SGPGI और AIIMS जैसे संस्थानों में मेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज की आधारशिला रखी, जिसे भारत सरकार ने बाद में सभी नए AIIMS में लागू किया।
सम्मान और पुरस्कार
डॉ. महापात्र को 75 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, 17 प्रतिष्ठित व्याख्यान दिए हैं और कई लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कारों से नवाजा गया है। वे नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज और एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के फेलो भी हैं।
पद्म श्री
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें देश में चिकित्सा विज्ञान के विकास, विशेष रूप से न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में शोध और शिक्षण।
नए संस्थानों की स्थापना तथा मेडिकल टेक्नोलॉजी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए दिया गया। उन्होंने मेडिकल शिक्षा, सेवा और नवाचार को एकीकृत कर देश की स्वास्थ्य प्रणाली को नई दिशा दी।
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