Wednesday, December 17, 2025

अरशद मदनी बोले, ‘वंदे मातरम’ में “मां दुर्गा है और मुस्लिम अल्लाह के सिवा किसी की इबादत नहीं कर सकता”

अरशद मदनी : देश में ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने के मौके पर संसद से लेकर सोशल मीडिया तक एक बार फिर बहस तेज हो गई है।

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इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बयान ने राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं को और गरमा दिया है।

उन्होंने वंदे मातरम के लिए कहा कि मुसलमान अल्लाह के सिवा किसी की इबादत नहीं कर सकता, और वनडे मातरम में मां दुर्गा है।

इसलिए धार्मिक आस्था के खिलाफ किसी को भी कोई नारा या गीत बोलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

इबादत सिर्फ अल्लाह की, बाकी सब आस्था के खिलाफ

अरशद मदनी : अरशद मदनी ने कहा कि उन्हें “वंदे मातरम” पढ़ने या गाने पर व्यक्तिगत आपत्ति नहीं है, लेकिन इस गीत के शाब्दिक अर्थ और उसमें शामिल धार्मिक संदर्भ मुसलमानों की धार्मिक मान्यता के अनुरूप नहीं हैं।]

उन्होंने कहा कि गीत के कुछ हिस्सों में देश को देवी-देवताओं से जोड़कर पूजा शब्दों का प्रयोग हुआ है, जो इस्लाम की मूल आस्था, अल्लाह की एकेश्वरवाद वाली अवधारणा से मेल नहीं खाता।

“वंदे मातरम” के अर्थ पर आपत्ति क्यों?

अरशद मदनी ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए कहा कि इसके चार प्रमुख श्लोक देश को देवी के रूप में स्थापित करते हैं और ‘मां, मैं तेरी पूजा करता हूं’ जैसी पंक्तियाँ इस्लामी आस्था में ‘शिर्क’ यानी अल्लाह के साथ किसी और को शामिल करने की श्रेणी में आती हैं।

उनके अनुसार, किसी भी नागरिक को उसकी धार्मिक स्वतंत्रता के विरुद्ध कोई नारा या गीत बोलने के लिए बाध्य करना अनुच्छेद 25 और 19 का उल्लंघन होगा।

“वतन से मोहब्बत अलग है, पूजा करना अलग”

मदनी ने यह भी स्पष्ट किया कि देश से प्रेम हर नागरिक का कर्तव्य है, लेकिन उसकी पूजा करना धार्मिक सिद्धांतों के खिलाफ हो सकता है।

उन्होंने कहा, “वतन से प्रेम एक अलग भावना है और उसकी पूजा करना बिल्कुल अलग।

किसी को भी उसकी आस्था के खिलाफ जाकर किसी शब्द या गीत को बोलने पर मजबूर नहीं किया जा सकता।”

ओवैसी बोले मुल्क और मजहब अलग

अरशद मदनी : संसद में चल रही विशेष चर्चा में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी।

उन्होंने कहा कि भारत की आजादी का संघर्ष इस सिद्धांत पर टिका था कि मुल्क और मजहब अलग-अलग हैं।

ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या “वंदे मातरम” को वफादारी का टेस्ट बनाने की कोशिश की जा रही है?

उन्होंने यह भी कहा कि “हम अपनी मां की इबादत नहीं करते, हम कुरान की इबादत नहीं करते। इस्लाम में इबादत सिर्फ और सिर्फ अल्लाह की होती है।”

अरशद मदनी : ओवैसी ने यह भी तंज कसा कि जिन लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा नहीं लिया, आज वे देशभक्ति की परीक्षा ले रहे हैं।

वंदे मातरम के 150 साल पर संसद में विशेष चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा की शुरुआत की थी और राज्यसभा में भी इसकी चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।

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