Adwaita Charan Ganayak:: अद्वैत चरण गडनायक एक प्रसिद्ध भारतीय मूर्तिकार हैं, जिन्होंने कला की दुनिया में उल्लेखनीय योगदान दिया है। कई दशकों तक फैले उनके कार्यों ने उन्हें न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।
वे अपनी मूर्तियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और विरासत की गहराई को प्रतिबिंबित करने की अपनी दक्षता के लिए विशेष रूप से सराहे जाते हैं।
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Adwaita Charan Ganayak:: भारतीय मूर्तिकला की समृद्ध परंपरा
24 अप्रैल 1963 को ओडिशा में जन्मे श्री गडनायक की प्रारंभिक जीवन यात्रा भारतीय मूर्तिकला की देशज परंपराओं और कलाओं से अत्यंत प्रभावित रही। उन्होंने भारत और विदेश की प्रतिष्ठित संस्थाओं से ललित कला और मूर्तिकला में औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।
जैसे-जैसे उन्होंने भारतीय मूर्तिकला की समृद्ध परंपरा को गहराई से समझा, उनका समर्पण और भी दृढ़ होता गया। उनकी कलाकृतियों की जड़ें शास्त्रीय भारतीय मूर्तिकला परंपराओं में हैं, किंतु उनकी आधुनिक दृष्टिकोण वाली शैली उन्हें व्यापक और सार्वभौमिक अपील प्रदान करती है।
भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत से प्रेरणा
गडनायक ने ओडिशा के कीट विश्वविद्यालय (KIIT University) में विज़ुअल आर्ट विभाग का नेतृत्व किया है। उन्होंने पारंपरिक विषयों को समकालीन सौंदर्यबोध के साथ जोड़कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वे हिंदू मिथकों और भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत से प्रेरणा लेते हुए अमूर्त (abstract) मूर्तिकला के क्षेत्र में भी अपनी बहुआयामी प्रतिभा का परिचय देते हैं।
उनकी सबसे प्रसिद्ध कृतियों में से एक है नई दिल्ली में स्थित पुलिस स्मारक। यह एक अमूर्त मूर्ति है जो आध्यात्मिक दर्शन, दिव्यता और ब्रह्मांडीयता की अवधारणाओं की अभिव्यक्ति करती है।
डैसेन पार्क में भी एक मूर्ति की रचना
इसके माध्यम से उन्होंने मूर्तिकला को केवल दृश्य सौंदर्य तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसमें गहन दार्शनिक भावनाओं को भी स्थान दिया। उन्होंने मुंबई में पिरामल समूह के लिए एक मूर्तिकला पार्क और जापान के साकाई शहर के डैसेन पार्क में भी एक मूर्ति की रचना की है।
राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा (National Gallery of Modern Art – NGMA) के महानिदेशक के रूप में, श्री गडनायक ने 2016 से 2022 तक संस्थान को दूरदर्शी नेतृत्व प्रदान किया।
उनके मार्गदर्शन में एनजीएमए ने कई राष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण परियोजनाएं सफलतापूर्वक संचालित कीं। उनके नेतृत्व में भारत की कला के भविष्य को नई दिशा मिली है।
वेनिस में भारत मंडप का आयुक्त होना
उनकी प्रमुख परियोजनाओं में प्रधानमंत्री के उपहारों की ई-नीलामी, 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में वेनिस में भारत मंडप का आयुक्त होना, चीन में ब्रिक्स गठबंधन के तहत प्रमुख प्रदर्शनियां।
जापान, ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, स्लोवेनिया, श्रीलंका, इटली, दक्षिण अफ्रीका, पुर्तगाल समेत अनेक देशों के कला संस्थानों और संग्रहालयों के साथ संयुक्त प्रदर्शनियां शामिल हैं।
भारत की कला की दुनिया में एक चमकता हुआ केंद्र बना दिया
एनजीएमए के प्रमुख के रूप में श्री गडनायक की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक रही है। नई दिल्ली स्थित जयपुर हाउस का सफल पुनर्निर्माण। इस ऐतिहासिक इमारत के पुनरुद्धार ने इसकी विरासत को संजोते हुए आधुनिक सौंदर्यशास्त्र के साथ एक नया जीवन दिया।
श्री गडनायक की दूरदर्शिता के तहत यह परियोजना पूरी हुई, जिसने जयपुर हाउस को भारत की कला की दुनिया में एक चमकता हुआ केंद्र बना दिया। इस पुनरुद्धार से न केवल एनजीएमए की अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियां आयोजित करने की क्षमता में वृद्धि हुई।
बल्कि यह 21वीं सदी में भारतीय और वैश्विक कला पर विमर्श को दिशा देने वाले एक केंद्रीय संस्थान के रूप में स्थापित हो गया। श्री गडनायक की कला और नेतृत्व, दोनों ने भारतीय संस्कृति को एक नई पहचान और ऊँचाई प्रदान की है।
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