Abhinav Arora: इन दिनों एक छोटा बच्चा जो जो खुद को भगवान श्री कृष्ण का छोटा भाई बताता है सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है। इस बच्चे का नाम अभिनव अरोड़ा है, जो खुद को एक आध्यात्मिक वक्ता बताता है। लेकिन क्या ये सच में आद्यात्मिक वक्ता है?
यूट्यूब चैनल ने किया खुलासा
Abhinav Arora: हाल ही में ओनली देसी नाम के यूट्यूब चैनल पर दो वीडियोस पोस्ट किये गए जिसमें उनकी साड़ी पोल खोली गयी है। इंस्टाग्राम पर अभिनव के 950k फॉलोअर्स है। कई लोग अभिनव को आध्यात्मिकता का प्रतीक मानते हैं, लेकिन इस यूट्यूब चैनल के अनुसार ये सब एक दिखावा है। वीडियो में कहा गया कि अभिनव कैमरे के सामने सिर्फ वो सिर्फ वही बातें दोहराते हैं जो उन्हें सिखाई जाती हैं, और अभिनव के माता-पिता इसे एक ‘प्रोडक्ट’ की तरह बेच रहे हैं। वीडियो में कहा गया कि अभिनव के माता-पिता पर अपने बेटे का ब्रेनवॉश कर उसे बचपन से दूर कर रहे हैं, ताकि सोशल मीडिया पर फेमस होकर पैसा कमा सकें। वीडियो में अभिनव के बचपन के वीडियो भी दिखाए गए, जिसमें वह सामान्य बच्चों की तरह खिलौनों से भरे कमरे में मोबाइल का इस्तेमाल करते नजर आते हैं, जो उनकी इंटरव्यू में कही बातों के बिल्कुल उलट है।
इन वीडियोस में दिखाया गया है कि अभिनव एक सामान्य जीवन जीते थे, जहां उनके पास खिलौनों से भरा कमरा और मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी था। ये बातें उनके इंटरव्यू में खुद को एक साधारण, आध्यात्मिक जीवन जीने वाले बच्चे के रूप में पेश करने के बिल्कुल उलट है
इन्वेस्टर्स का पैसा चुकाने में विफल हो गए थे अभिनव के पिता
Abhinav Arora: इस मामले में प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु रामभद्राचार्य ने भी अभिनव की आलोचना की है और उनके दिखावे पर कड़ी फटकार लगाई है। वीडियो में बताया गया है कि अभिनव के पिता का बिजनेस था जो कि fail हो गया। इस बिसनेस को प्रमोट करने के लिए उनका एक यूट्यूब चैनल भी था जिसमें अभिनव भी अपने पिता के साथ मार्केटिंग करते थे। वहीं, वीडियो में अभिनव के पिता तरुण राज अरोड़ा के भूतकाल में ठगी के एक केस का जिक्र भी है, जहां उन्हें निवेशकों का पैसा लौटाने में विफल होने का दोषी पाया गया था। और उसके कुछ समय बाद ही तरुण राज टेडएक्स पर प्रवक्ता बन गए। और यही गुण उन्होनें अपने बेटे अभिनव में भी डाल दिए।
अपना पिता के नक़्शे कदम पर चलते हैं अभिनव
Abhinav Arora: हाल ही में सोशल मीडिया पर चर्चा है कि अभिनव अरोड़ा अभिनव कैमरे के सामने सिर्फ वही बातें दोहराते हैं जो उन्हें उनके पिता सिखाते हैं और जब उनके सामने कोई और सवाल आता है तो वो उनके लिए आउट ऑफ़ थे बॉक्स हो जाता है।
क्यों भेड़ चाल चलते हैं हम?
तरुण के माता-पिता अभिनव का बचपन तो खराब कर ही रहे हैं। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि क्यों लोग अभिनव जैसे लोगों के प्रभाव में आ जाते हैं और भेड़-चाल का हिस्सा बन जाते हैं?आखिर क्यों हम जो इंटरनेट पर जो दिखता है उसे सच मान लेते हैं। क्या हम अपने विवेक को छोड़कर केवल बाहरी दिखावे पर भरोसा करने लगे हैं? जरा सोचिये