Asaduddin Owaisi: एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू पर तीखा हमला बोला है।
रिजिजू ने हाल ही में एक लेख में लिखा था कि भारत ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों की तुलना में ज्यादा लाभ और सुरक्षा दी जाती है।
इसी बात पर ओवैसी भड़क गए और सोशल मीडिया पर खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों की वास्तविकता को नजरअंदाज किया जा रहा है।
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जिहादी, पाकिस्तानी, रोहिंग्या कहे जाना… क्या यही विशेषाधिकार है?”
Asaduddin Owaisi: ओवैसी ने पूछा, “क्या हमें हर रोज़ जिहादी, पाकिस्तानी, रोहिंग्या और बांग्लादेशी कहे जाना कोई लाभ है?
क्या हमारी मस्जिदों और घरों को बुलडोजर से गिराया जाना कोई सुरक्षा है?
Asaduddin Owaisi: क्या लिंचिंग, बेवजह गिरफ्तारी और राजनीतिक बहिष्कार सम्मान की श्रेणी में आता है?”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुसलमानों को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर धकेल दिया गया है।
हमारे बच्चे आज अपने दादा-दादी से भी बदतर स्थिति में हैं”
Asaduddin Owaisi: ओवैसी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मुसलमानों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है।
मुस्लिम बहुल इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि, “हम बहुसंख्यकों से ज़्यादा की मांग नहीं कर रहे, हम सिर्फ संविधान के वादों, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय – की मांग कर रहे हैं।”
किरेन रिजिजू का पलटवार, “अगर हालात इतने खराब हैं तो पलायन क्यों नहीं करते?”
Asaduddin Owaisi: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब में लिखा कि अगर भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति इतनी खराब होती, तो वे पलायन क्यों नहीं करते?
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की कल्याणकारी योजनाएं सबके लिए हैं, और अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही योजनाएं मुसलमानों सहित सभी अल्पसंख्यकों को विशेष लाभ देती हैं।
ओवैसी का फिर पलटवार, “हम भागने वालों में नहीं हैं”
Asaduddin Owaisi: रिजिजू के बयान पर फिर से प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने लिखा, “ना हम अंग्रेजों से भागे, ना विभाजन के समय, ना दंगों और नरसंहारों में – हम यहीं थे, यहीं रहेंगे।
हमें भागने की आदत नहीं है। हम भारत में अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे, क्योंकि हमने इस देश को सिर्फ धर्म के नाम पर नहीं अपनाया, हमने इसे अपनी पहचान बनाया है।”