Bihar: बिहार के मोतिहारी ज़िले के मेहसी थाना क्षेत्र अंतर्गत कनकटी गांव में मुहर्रम के जुलूस के दौरान एक खौफनाक घटना सामने आई है।
यह घटना बताती है कि मजहबी उन्माद का ज़हर किस तरह से आम ज़िंदगी को निगल रहा है।
बताया जा रहा है कि मुहर्रम के जुलूस से लौटते वक्त 30-35 मुस्लिम युवकों ने तलवारें लहराते हुए हिंदू समुदाय पर हमला कर दिया।
इस हमले की वजह एक पुरानी रंजिश बताई जा रही है।
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खुलेआम चली तलवारें, बीच सड़क पर हमला
Bihar: चश्मदीदों के मुताबिक, यह हमला अचानक नहीं बल्कि एक सोची-समझी साजिश जैसा लग रहा था। वार्ड सदस्य निजामुद्दीन मिया पर हमले की अगुवाई करने का आरोप है।
भीड़ ने बीच सड़क पर तलवारों से हमला कर दिया जिससे पूरे गांव में अफरातफरी मच गई।
अजय यादव नामक युवक की हत्या कर दी गई और चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
पीड़ितों बोले, “हम तो बस खड़े थे”
Bihar: घायल धनंजय कुमार ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा, “हम तीन लोग बस खड़े थे। हमारे पास कोई हथियार नहीं था।
अचानक से तलवारें निकाली गईं और मेरे भाई पर हमला कर दिया गया। जब मैंने उसे बचाने की कोशिश की तो मुझ पर भी वार किया गया।”
क्या मुहर्रम अब नफरत फैलाने का जरिया बन गया है?
Bihar: यह पहली बार नहीं है जब मुहर्रम जैसे धार्मिक अवसर पर इस प्रकार की हिंसा सामने आई हो।
हर साल ऐसी खबरें आती हैं जहां जुलूस के दौरान हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जाता है।
Bihar: पुलिस ने इस मामले में 12 लोगों को हिरासत में लिया है, लेकिन केवल गिरफ्तारी ही काफी नहीं। इस मामले में सख्त से सख्त सज़ा दी जानी चाहिए, ताकि ऐसा मजहबी आतंक दोबारा सिर न उठा सके।
जब पूरा समुदाय टारगेट हो, तो वह एक साधारण अपराध नहीं बल्कि साम्प्रदायिक आतंक बन जाता है।