देश में भीषण गर्मी के चलते आये दिन ट्रांसफार्मर फुखने और बिजली के तारो में आग लगने कि खबरे सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश , राजस्थान जैसे कई राज्यों में तापमान 48 डिग्री तक पहुंच चुका है और वहां रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है । यह बढ़ता तापमान अब इंसानो के साथ-साथ बिजली कि खम्बे और तारों के लिए भी असहनीय हो गया है। हाल ऐसा है कि बढ़ते लोड के कारण ट्रांसफार्मर बट्टी बन गए है और खम्बो पर लगे तार तप कर लाल हो गए है। कुछ आंकड़ों के मुकाबले अचानक बढ़े तापमान के कारण हर दिन 37 ट्रांसफार्मर जल रहे है। कई जगह तो ट्रांसफॉर्मर में आग लगने की घटनाये भी सामने आयी है।
क्यों हो रहे ट्रांसफार्मर ठप
26 मई के बाद कई जगह पारा 47 डिग्री पहुंच चुका है। इतनी गर्मी कि वजह से लोग परेशान हो रहे है और बिजली उपकरण जैसे AC , कूलर कि मदद ले रहे है। जिसकी वजह से ट्रांसफार्मर पर लोड पड़ रहा है और वो गर्म होकर धधकने लगे है। यही हाल बिजली के तारो का भी है। पुरे दिन धुप पड़ने के कारण इनमे भी लग लग जाती है।
कूलर की मदद से ट्रांसफार्मर का तापमान कर रहे मेंटेन
इतना लोड पड़ने कि वजह से ट्रांसफार्मर बार बार ख़राब हो रहे है जिसकी वजह से फायर टीम को यहाँ वहां भागना पड़ रहा है । बिजली बोर्ड भी इसको लेकर परेशान है। ट्रांसफॉर्मर का तापमान मेंटेन करने के लिए कूलर लगाया गया है। वहीं कई जगहों पर ट्रांसफॉर्मर का तापमान मेंटेन करने के लिए उसे जुट बोरे से ढक कर उस पर ठंडा पानी डाला जा रहा है।
हो गए कई हादसे
बिजली के तारो में आग लगने कि वजह से कई हादसे भी हुए है। कई बार लोग अपनी गाड़ियों को अनजाने में खम्बों के आस पास लगा देते है। जिसकी वजह से यह हादसे हो रहे है। दरअसल, तेज़ गर्मी कि वजह से बिजली कि केबल्स में आग लग रही है। ऐसे में जब कोई गाड़ी इनके आस-पास खड़ी होती है तो चिंगारियां इसपे भी गिरती है, जिसकी वजह से इनमे भी आग लग जाती है।
इसलिए इस बात का ध्यान रखे कि अगर आप कही भी जाये तो अपनी गाड़ियों को बिजली के उपकरणों से दूर खड़ा करे और खुद भी इनसे संभल कर रहे।
दिल्ली में हाल ही में हुआ हादसा
दिल्ली-एनसीआर और आसपास के राज्यों में बढ़ते तापमान के कारण पिछले कुछ दिनों में आग लगने की कई घटनाएं हुई हैं। हाल ही में नॉएडा कि लोटस बुलेवार्ड सोसाइटी के टावर 28 से एक घटना सामने आयी है। जहाँ फ्लैट में ऐसी फटने से आग लग गयी। हालाँकि अच्छी बात यह रही कि आग सिर्फ एक कमरे तक ही सीमित रही और कोई हानी नहीं हुई ।
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) ने बताया कि उनके पास प्रतिदिन 200 से अधिक कॉल आ रही हैं। वही डीएफएस के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा ” पिछले 10 वर्षों के मुकाबले इस साल हमारे पास सबसे अधिक कॉल आयी है। सभी उपकरण और जनशक्ति भी समाप्त हो गई है, यह दिल्ली अग्निशमन विभाग के लिए कठिन समय है।”