कोहरा यानी धुंध। ये अक्सर सर्दियों में देखने को मिलता है। इस दौरान रोड एक्सीडेंट ज्यादा होने के ज्यादा खतरा रहता है। कोहरे के कारण हमारी आंखों को धुएं के कारण कम दिखाई देने लगता है।फॉगिंग के चलते बेहद करीब चल रही गाड़ियां भी नजर नहीं आती हैं और इस ही के चलते एक्सीडेंट के केस बढ़ जाते हैं।
आपसे कहा जाए की ऐसा हो कोहरा आपके दिमाग पर भी जम सकता है। बिलकुल सही पढ़ा आपने, इसे ब्रेन फॉगिंग कहते हैं।ब्रेन फॉगिंग आपको किसी भी मौसम में हो सकता है। इस दौरान आपको सामने रखी चीजें भी दिखना बंद हो जाती हैं। आपके ब्रेन में सेव चीजें खंगालने में भी दिक्कत होने लगती हैं। कहां क्या सेव है, दिमाग को ये पता ही नहीं लग पाता। ब्रेन की मैमोरी का एक्सेस कमजोर पड़ जाता है और फंक्शनिंग भी धीरे – धीरे खराब हो जाती है।
ऐसा कई बार होता है की हम कभी ड्रावर की चाबी भूल जाते हैं तो कभी ताले की। हम किसी काम से किचन में जाते हैं लेकिन हम भूल जाते हैं की आखिर किचन में आये क्यों थे। किसी से बात करते करते हम ये ही भूल जाते हैं कि आखिर हम बात क्या कर रहे थे। कभी किसी का नाम भूल जाते हैं तो कभी किसी का पता। ये सभी लक्षण ब्रेन फॉगिंग के हो सकते हैं।आपको बता दें कि ब्रेन फॉगिंग कोई मेडिकल कंडीशन नहीं है। हालांकि, यह किसी मेडिकल कंडीशन का लक्षण जरूर हो सकती है।
ब्रेन फॉगिंग क्यों होती है
आज हम आपको जी बताएंगे ये आप कई बार सुन चुके होंगे। ब्रेन फॉगिंग का सबसे प्रमुख कारण है हमारी खराब लाइफ स्टाइल। नींद पूरी न होना, ज्यादा चीनी खाना,जंकफूड खाना, स्वीट ब्रेवरेज पीना और स्ट्रेस लेने जैसे कई कारण हो सकते हैं।इसका एक कारण हॉर्मोनल इंबैलेंस भी होता है और इसका सीधा असर हमारी ब्रेन की फंक्शनिंग पर असर पड़ता है।
जानें ब्रेन फॉग के कुछ प्रमुख लक्षण
- थकावट और सुस्ती
- एकाग्रता में कमी
- कमजोर याद्दाश्त
- नींद न आना
- सोच धुंधली होना
- दिशा भ्रम होना
- कार्य करने की क्षमता कम होना
- दैनिक दिनचर्या धीमी होना
- अव्यवस्थित जीवन
- कम जागरूक रहना
- सांस फूलना
- बातचीत करने में दिक्कत
कैसे पाएं इस से छुटकारा
अगर आपको लगता है की आप भी ब्रेन फॉगिंग से गुजर रहे हैं तो घबराएं नहीं और खुद को बीमार तो बिलकुल ना समझें, लेकिन साथ ही एक अच्छे Psychiatrist की मदद लेने में भी संकोच न करें। कभी-कभी ब्रेन फॉग के कुछ ऐसे कारण भी हो सकते हैं, जिन्हें मात्र लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर भी आप ठीक कर सकते हैं लेकिन कुछ कारणों के लिए दवा या टेस्ट की भी जरूरत पड़ सकती है। डॉक्टर आपकी जांच करेंगे और हो सकता है आवश्यतानुसार आपको कुछ शुरुआती टेस्ट करवाने की सलाह दें, जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, थायराइड, लिवर के साथ कोविड की जांच आदि। अपने डॉक्टर से किसी भी प्रकार की कोई भी बात न छुपाएं औरर उन्हें अपनी साड़ी बातें खलकर बताएं।
उन्हें अपने मानसिक तनाव और अपनी दिनचर्या के बारे में बताएं और साथ ही अगर आप किसी भी प्रकार की कोई दवा ले रहे हैं तो वह भी बताएं। कभी-कभी मात्र सोडियम जैसे पोषक तत्व की कमी से भी हमें ब्रेन फॉग के लक्षण महसूस हो सकता है। इसलिए हर छोटी बड़ी बात अपने डॉक्टर से शेयर करें।
शुरुआती टेस्ट के अलावा किसी प्रकार के इमेजिंग टेस्ट की जरूरत पड़ने पर आपको डॉक्टर एमआरआई या सीटी स्कैन कराने कि सलाह भी दे सकते हैं। जिससे आपको अगर सिर में कभी कोई चोट लगी है लगी है तो उसका भी पता लगाया जा सके, जो हो सकता ब्रेन फॉग का कारण हो। डिप्रेशन या घबराहट भी अगर आपको महसूस होती है तो उसे भी अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं
घबराए नहीं! बस सही समय पर सही परामर्श लेने से ब्रेन फॉग पूरी तरह से ठीक हो सकता है .