Wednesday, December 11, 2024

जगदीप धनकड़ के खिलाफ विपक्ष, उप राष्ट्रपति के पद से हटाने को लेकर लाया अविश्वास प्रस्ताव

संसद के शीतकालीन सत्र में इंडिया अलायन्स गठबंधन के नेताओं ने जगदीप धनकड़ को उप राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग को लेकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।

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संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इंडिया अलायन्स ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ को उप राष्ट्रपति के पद से हटाने की मांग करते हुए अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। ये प्रस्ताव विपक्ष जगदीप धनकड़ के कामकाज करने के तरीके से परेशान होकर लाया है। विपक्ष ने इस प्रस्ताव में राज्यसभा के सभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है।

इस अविश्वास प्रस्ताव में 70 सांसदों ने अपने हस्ताक्षर किये हैं। इन सांसदों में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, समजवादी पार्टी,और अन्य का छोटे दलों के नेता हैं। इन सब ने एकजुट होकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। विपक्ष ने आर्टिकल 67(बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।

विपक्ष नहीं है जगदीप धनकड़ से संतुष्ट

ऐसा पहले भी एक बार हो चुका है जब अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान भी विपक्ष ने सभापति जगदीप धनकड़ के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया था। लेकिन तब करवाई न करने की सहमति बानी। इंडिया ब्लॉक के कई नेता सभापति जगदीप धनकड़ से अपनी नाराजगी जाता चुके हैं। विपक्ष इन पर पक्षपात रवैय्या रखने का भी आरोप लगा रही है। हालांकि राज्यसभा की कार्यवाही फिलहाल 10 दिसंबर तक स्थगित करदी गयी है।

समाजवादी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का मिला समर्थन

विपक्ष इससे पहले भी ये दावा कर चुका है कि इस असविश्वास प्रत्साव पर 70 सांसद हस्ताक्षर कर चुके हैं। इसमें इंडिया गठबंधन की कई पार्टियां शामिल थी। ख़बरों के हवाले से खबर है कि, कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रही समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस। भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन दिया है। इन दोनों पार्टियों के राज्यसभा सदस्यों ने भी अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये हैं।

कांग्रेस ने लगाया पक्षपात का आरोप

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कहा था कि जगदीप धनकड़ ऐसा करके लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा था, “विपक्ष लगातर सदन चलाने की मांग कर रहा है, लेकिन सभापति धनखड़ सत्ता पक्ष को सदन में गतिरोध पैदा करने का मौका दे रहे थे। उनका ये पक्षपाती रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है।

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