Wednesday, December 24, 2025

WTO में फिर आमने-सामने भारत और चीन, टैरिफ व सब्सिडी विवाद पर बीजिंग ने दायर की नई याचिका

WTO में भारत और चीन फिर आमने-सामने: चीन ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की व्यापारिक नीतियों को चुनौती दी है। इस बार मामला विश्व व्यापार संगठन (WTO) तक पहुंचा है, जहां बीजिंग ने भारत के खिलाफ औपचारिक परामर्श की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई है।

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विवाद की जड़ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) से जुड़े उत्पादों पर लगाए गए सीमा-शुल्क और सौर ऊर्जा क्षेत्र को दी जा रही सरकारी सहायता को बताया जा रहा है। यह शिकायत शुक्रवार को WTO के समक्ष प्रस्तुत की गई।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय का रुख

WTO में भारत और चीन फिर आमने-सामने: चीन के वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत द्वारा अपनाई गई ये नीतियां WTO के कई मूलभूत नियमों के विपरीत हैं।

मंत्रालय का आरोप है कि भारत ‘नेशनल ट्रीटमेंट’ जैसे अहम सिद्धांत का उल्लंघन कर रहा है, जिसके तहत विदेशी और घरेलू उत्पादों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए।

चीन का दावा है कि भारत की नीतियां आयात-प्रतिस्थापन सब्सिडी के दायरे में आती हैं, जिन्हें WTO के नियम स्पष्ट रूप से अवैध मानते हैं।

WTO में भारत और चीन फिर आमने-सामने: प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने का आरोप

बीजिंग का कहना है कि भारत के इन कदमों से घरेलू कंपनियों को अतिरिक्त लाभ मिल रहा है, जबकि विदेशी कंपनियों, खासकर चीनी फर्मों के लिए बाजार की परिस्थितियां असमान हो रही हैं।

चीन के अनुसार, ऐसी नीतियां निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को कमजोर करती हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था की मूल भावना के खिलाफ हैं। इसी आधार पर चीन ने भारत से अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करने और मौजूदा नीतियों में बदलाव करने की अपील की है।

परामर्श से समाधान की उम्मीद

WTO में भारत और चीन फिर आमने-सामने: WTO की विवाद निपटान प्रक्रिया के तहत अब दोनों देश आपसी बातचीत के जरिए इस मसले को सुलझाने की कोशिश करेंगे। यदि तय समयसीमा में परामर्श के दौरान सहमति नहीं बनती है, तो यह मामला औपचारिक विवाद निपटान पैनल के पास भेजा जा सकता है, जहां कानूनी प्रक्रिया के तहत फैसला होगा।

बदले समीकरण और कूटनीतिक संकेत

दिलचस्प बात यह है कि जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कड़े टैरिफ लगाए थे, उस दौर में चीन ने भारत के साथ संबंध सुधारने की पहल की थी।

अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार तनाव के बीच चीन एशिया में नए सहयोगी तलाश रहा था, और भारत एक बड़े बाजार व क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उसके लिए अहम था। लेकिन मौजूदा घटनाक्रम से संकेत मिलते हैं कि अब चीन भारत के खिलाफ कूटनीतिक और कानूनी रणनीति अपना रहा है।

साल में दूसरी शिकायत

यह 2025 में दूसरी बार है जब चीन ने भारत के खिलाफ WTO का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले अक्टूबर में चीन ने इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी सेक्टर में भारत द्वारा दी जा रही कथित सब्सिडी को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी।

उस मामले में भी चीन ने आरोप लगाया था कि भारत की नीतियों से उसके कारोबारी हित प्रभावित हो रहे हैं और WTO से औपचारिक परामर्श की मांग की गई थी।

कुल मिलाकर, WTO में लगातार बढ़ती शिकायतें दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव के गहराने का संकेत दे रही हैं, जिसका असर आने वाले समय में द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक व्यापार पर भी पड़ सकता है।

Karnika Pandey
Karnika Pandeyhttps://reportbharathindi.com/
“This is Karnika Pandey, a Senior Journalist with over 3 years of experience in the media industry. She covers politics, lifestyle, entertainment, and compelling life stories with clarity and depth. Known for sharp analysis and impactful storytelling, she brings credibility, balance, and a strong editorial voice to every piece she writes.”
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