Women’s World Cup 2025: आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 का फाइनल भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया।
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी में खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता।
यह जीत न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बन गई।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि में तीन भारतीय खिलाड़ियों शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा और अमनजोत कौर ने निर्णायक भूमिका निभाई।
Women’s World Cup 2025: शेफाली वर्मा का धमाकेदार प्रदर्शन
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और टीम को शानदार शुरुआत दिलाने की जिम्मेदारी शेफाली वर्मा ने निभाई।
शेफाली ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से विपक्षी गेंदबाजों की लाइन-लेंथ बिगाड़ दी। उन्होंने 87 रनों की बेहतरीन पारी खेली, जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल रहे।
शेफाली ने बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी में भी योगदान दिया और दो अहम विकेट झटके।
फाइनल जैसे बड़े मुकाबले में उनका यह ऑलराउंड प्रदर्शन भारत की जीत की नींव साबित हुआ और उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।
दीप्ति शर्मा बनीं टीम इंडिया की ‘मैच विनर’
फाइनल मुकाबले में दीप्ति शर्मा ने अपने हरफनमौला खेल से सबका दिल जीत लिया। पहले उन्होंने मध्यक्रम में 58 रनों की जिम्मेदार पारी खेलकर टीम को स्थिरता दी और फिर गेंदबाजी में कमाल कर दिखाया।
दीप्ति ने अपने 9.3 ओवरों में केवल 39 रन देकर पांच विकेट झटके। उनका यह स्पेल पूरे मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ, जब उन्होंने लगातार तीन ओवरों में अफ्रीकी बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई।
उनके प्रदर्शन की बदौलत साउथ अफ्रीका की टीम 247 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 246 रनों पर ढेर हो गई।
अमनजोत कौर की करिश्माई फील्डिंग ने पलटा मैच
मैदान पर एक और नाम जिसने सबका ध्यान खींचा, वह था अमनजोत कौर। उनकी फील्डिंग ने मैच का रुख पूरी तरह बदल दिया।
जब साउथ अफ्रीका की जोड़ी लॉरा वोलवार्ट और ताजमिन ब्रिट्स मजबूत साझेदारी बना रही थी, तभी अमनजोत ने बुलेट थ्रो से ब्रिट्स को रनआउट किया और भारत को पहली सफलता दिलाई।
इसके बाद उन्होंने वोलवार्ट का शानदार कैच पकड़कर साउथ अफ्रीका की रीढ़ तोड़ दी। उनकी यह दो फील्डिंग मूवमेंट भारत की जीत के असली गेम-चेंजर साबित हुईं।
साउथ अफ्रीका की अच्छी शुरुआत धरी रह गई
साउथ अफ्रीका ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 51 रनों की ठोस शुरुआत की। कप्तान लॉरा वोलवार्ट (42) और ताजमिन ब्रिट्स (31) ने मिलकर उम्मीद जगाई, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने शानदार वापसी की।
सुने लुस (25) और एनेरी डर्कसन (35) ने संघर्ष किया, मगर दीप्ति शर्मा और शेफाली वर्मा की गेंदबाजी के आगे टिकना मुश्किल हो गया। अंततः पूरी टीम 246 रन पर ढेर हो गई।
पूरे देश में जश्न का माहौल
जैसे ही भारत ने वर्ल्ड कप जीता, पूरे देश में जश्न की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, सचिन तेंदुलकर और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने ट्वीट कर टीम को बधाई दी।
हर किसी ने भारतीय महिला टीम की इस जीत को महिला क्रिकेट का “स्वर्ण युग” बताया।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनी टीम इंडिया
भारतीय महिला टीम की यह जीत केवल एक ट्रॉफी तक सीमित नहीं रही। यह उन सपनों की जीत है जो वर्षों से हर भारतीय लड़की के दिल में पल रहे थे।
शेफाली, दीप्ति और अमनजोत जैसी खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया कि मेहनत, समर्पण और विश्वास के दम पर कोई भी इतिहास रचा जा सकता है।

