शीतकालीन सत्र 2025: संसद का 18वाँ शीतकालीन सत्र शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया।
इस सत्र ने कार्यक्षमता के मामले में नया इतिहास रच दिया।
लोकसभा की उत्पादकता 111 प्रतिशत रही, जबकि राज्यसभा ने 121 प्रतिशत के साथ अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
कुल मिलाकर 92 घंटे तक सदन की कार्यवाही चली, जिसे संसदीय इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
सरकार की ओर से इस सत्र में 14 बिल लाने का प्रस्ताव था, जिनमें से 12 बिल पेश किए गए और 8 बिलों को संसद की मंजूरी मिली।
इसके अलावा 65 संशोधन कानून पास किए गए और 6 पुराने कानूनों को समाप्त किया गया।
यह आंकड़े बताते हैं कि यह सत्र केवल हंगामे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ठोस विधायी कार्य भी हुआ।
VB-G RAM-G बिल: मनरेगा का बदला स्वरूप
शीतकालीन सत्र 2025: इस सत्र का सबसे चर्चित कानून रहा विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक 2025, जिसे VB-G RAM-G कहा जा रहा है।
इस बिल के जरिए मनरेगा की जगह नई योजना लागू करने का रास्ता साफ हुआ है।
नई व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाएगी, साथ ही योजना के उद्देश्यों और क्रियान्वयन में बदलाव किया गया है।
परमाणु ऊर्जा से लेकर बीमा तक बड़े फैसले
शीतकालीन सत्र 2025: SHANTI बिल के जरिए निजी कंपनियों के लिए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के दरवाजे खोले गए।
वहीं बीमा कानून संशोधन बिल, 2025 के तहत बीमा सेक्टर में 100 प्रतिशत FDI को मंजूरी दी गई, जिससे बीमा सेवाओं के सस्ते होने और रोजगार बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
इसके अलावा मणिपुर GST (द्वितीय संशोधन) बिल, केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन बिल और राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर से जुड़े बदलावों को भी संसद की मंजूरी मिली।
जिन बिलों पर अभी फैसला बाकी
शीतकालीन सत्र 2025: सत्र में चार ऐसे बिल भी रहे, जो पेश तो हुए लेकिन पास नहीं हो सके।
विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान बिल, 2025 को उच्च शिक्षा के लिए नए राष्ट्रीय नियामक के प्रस्ताव के साथ संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया।
वहीं प्रतिभूति बाजार संहिता बिल को स्थायी समिति के पास भेजा गया, ताकि शेयर बाजार से जुड़े कानूनों को एकीकृत करने के प्रस्ताव पर विस्तार से विचार किया जा सके।
VB-G RAM-G पर सरकार बनाम विपक्ष
शीतकालीन सत्र 2025: नए रोजगार गारंटी बिल को लेकर सदन में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली।
विपक्ष ने इस कानून को गरीबों के अधिकारों पर हमला बताया। राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका चतुर्वेदी ने आशंका जताई कि अधिकार आधारित योजना को प्रोत्साहन आधारित बनाने से कमजोर वर्ग प्रभावित हो सकता है।
वहीं केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि इस बदलाव से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुँचेगा।
प्रदूषण का मुद्दा और राज्यसभा की सक्रियता
शीतकालीन सत्र 2025: दिल्ली-NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण का मुद्दा भी संसद में उठा।
AQI के 365 तक पहुँचने पर पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सरकार की ओर से जवाब दिया।
राज्यसभा के सभापति सी पी राधाकृष्णन ने बताया कि इस सत्र में शून्यकाल के दौरान नोटिस उठाने की संख्या में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो सदस्यों की सक्रिय भागीदारी को दर्शाती है।
सदन के सफल संचालन पर आभार
शीतकालीन सत्र 2025: सत्र के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत सभी सांसदों का आभार जताया गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि 15 बैठकों के दौरान सदन ने विधायी कार्यों में शानदार प्रदर्शन किया।
कुल मिलाकर शीतकालीन सत्र 2025 को उच्च उत्पादकता, अहम कानूनों और तीखी बहसों के लिए याद किया जाएगा।

