Madhya Pradesh: क्या आपको पता है भारत में एक ऐसी जगह भी है जहां दूसरों की बहु-बेटियों को किराए पर खरीदा और बेचा भी जाता है। इतना ही नहीं इसके लिए वहां बाकायदा पूरी मंडी भी सजाई जाती है।
लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्यां कम
भारत में हर 106 लड़कों के मुकाबले लड़कों की संख्या 100 हैं। यही वजह की भारत में कुछ लड़के पूरी उम्र अकेले बिना शादी के गुजारते हैं। आज आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताते हैं, जहां लोग किराए पर बीवियां ले सकते हैं। इस जगह पर उन्हें खरीदने-बेचने के लिए बाकायदा पूरी मंडी सजाई जाती है। इन लड़कियों में कुंवारी और शादीशुदा दोनों तरह की लडकियां शामिल होती हैं। इतना ही नहीं मंडी में उनकी बोली भी लगायी जाती है और उनका एग्रीमेंट भी बनाया जाता है। ये पूरी प्रक्रिया 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के स्टाम्प पेपर पर होती है। आपको पता है इस शहर में ये सब एक प्रथा के नाम पर होता है जिसे ‘धड़ीचा प्रथा’’ कहा जाता है।
जानें जगह का नाम जहां लड़कियों का खुले आम होता है सौदा
Madhya Pradesh: इस जगह का नाम है शिवपुरी जो की मध्यप्रदेश में स्थित है। इस गांव में चलने वाली धड़ीचा प्रथा के नाम पर बहु-बेटियों का सौदा किया जाता है। इस प्रथा के लिए हर साल एक समय तय किया जाता है। जब मंडी लगाई जाती है। इस मंडी में दूर-दराज से लोग लोग लड़कियों को खरीदने आते हैं। इसमें सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात तो ये है कि इस मंडी में कुंवारी लड़कियों से लेकर शादीशुदा लडकियां तक किराए पर दी जाती है।
महिला का चाल-चलन तय करता है राशी
Madhya Pradesh: इस मंडी में पुरुष महिला का रूप-रंग और चाल-चलन देखकर दांव लगते हैं। जब किसी पुरुष को कोई महिला पसंद आ जाती है तो वो 10 रुपये के स्टाम्प पेपर से लेकर 100 रूपये तक के स्टाम्प पेपर पर एग्रीमेंट करते हैं और तय समय के लिए महिला को अपने साथ ले जाते हैं। इस एग्रीमेंट पर महिला और पुरुष दोनों की शर्तें भी लिखी होती हैं।
15 हजार से लेकर 4 हजार रुपये तक होती है कीमत
इस मंडी में महिलाओं की कीमत 15 हजार से लेकर 4 लाख रुपये तक होती है। इस कीमत को चुकाकर पुरुष महिला को अपना साथ 1 साल या तय समय के लिए अपने साथ ले जाते हैं। और अगर किसी पुरुष को महिला पसंद आ गयी और वो उसके साथ और समय बिताना चाहता हो तो वो एग्रीमेंट को दुबारा रेन्यु भी करवा सकते हैं।
पुरुष अपनी जरुरत के हिसाब से महिलाओं को ले जाते हैं
ये सभी पुरुष अपन जरूरतों के हिसाब से महिलाओं को ले जाते हैं। ये जरूरतें कोई भी हो सकती हैं जैसे किसी पुरुष को अपना मां की सेवा करवानी हो, किसी को शादी के नाटक के लिए बीवी चाहिए हो या फिर किसी पुरुष को अपनी शारीरिक जरूरतें पूरी करनी हो। इसके अलावा अगर लड़की कुंवारी हो तो कुछ समय किराए पर ली हुई महिला के साथ वो और समय बिता सकता है।
महिलाओं के पास होता है एग्रीमेंट तोड़ने का अधिकार?
ऐसे में बड़ा सवाल है क्या ये सब महिलाएं अपनी मर्जी से करती हैं। इसका जवाब तो शायद वहां पर मौजूद लडकियां ही दे पाएं। लेकिन हां अपनी मर्जी से एग्रीमेंट तोड़ जरूर सकती हैं। इस तरह के किसी भी मामले में पत्नी को एग्रीमेंट तोड़ने का पूरा अधिकार है। वो अगर उस रिश्ते से नाखुश है तो कभी भी इसे तोड़ सकती है। ऐसा करने के लिए उन्हें स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र देना होता है और तय राशी खरीददार को वापस करनी होती है। कई बार महिलाएं किसी दूसरे आदमी से ज्यादा रकम मिलने पर भी ऐसा करती हैं।