Friday, April 18, 2025

Why Females Cry More: क्यों मर्दों से ज्यादा रोती है महिलाएं, असली वजह जानकर हो जायेंगे हैरान

Why Females Cry More: हम इंसानों के लिए रोना आम बात है लेकिन अक्सर महिलाएं मर्दों से ज्यादा रोती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है क्यों? आइये आज आपको इसके पीछे के कारण बताते हैं।

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Why Females Cry More: “औरतों की तरह बात-बात पर रो देते हो” ये लाइन आपने कभी न कभी तो जरूर सुनी होगी। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है क्यूंकि मर्दों को आमतौर पर ज्यादा रोते हुए देखा नहीं जाता और औरतें हर छोटी बार अकसर रो देती हैं।

क्यों महिलाएं ज्यादा रोती हैं (Why Females Cry More), जान लीजिये

ऐसा नहीं है कि मर्द बिलकुल नहीं रोते। वो भी रोते हैं, बस वो महिलाओं की तरह हर बात पर इमोशनल नहीं होते। अब तो सोसाइटी के प्रेशर ने मर्दों को रोते देखने को अजीब दिखना ही करार कर दिया है। बात बस इतनी है कि दोनों के बच इमोशनल लेवल का काफी फर्क होता है। आइये इसे थोड़ा विस्तार से समझते हैं।

पुरुषों और महिलाओं के हार्मोन और रोने के पीछे का कारण 2011 में एक रिसर्च के दौरान हुआ था। एस रिपोर्ट में इसके पीछे कई से कारण सामने आये, जिनमें से कुछ तो शायद आपको अजीब भी लगे। अगर ratio निकाला जाए तो महिलाएं पूरे साल में 30 से 64 बार या इससे भी ज्यादा रोती है। वो तो कई बार पब्लिक में भी रो देती हैं और कोई उन्हें जज नहीं करता। और मर्दों के आंकड़े की बात करें तो वो साल में पांच से सात बार से ज्यादा आंसू नहीं बहाते हैं। और पुरुषों को बजाय सबके सामने, अकेले रोना ज्यादा पसंद होता है।

Why Females Cry More

दोनों के हार्मोन्स में अंतर

Why Females Cry More: रोने के पीछे हाथ होता हैं शरीर में मौजूद हार्मोन्स का, रिसर्च में बताया कि मर्दों में एक ऐसा हार्मोन मौजूद होता है जो उन्हें महिलाओं से ज्यादा शक्तिशाली और मजबूत बनाता है। ये हार्मोन है टेस्टोस्टेरोन। ये हॉर्मोन पुरुषों के अंदर ज्यादा या काम बनना उस पुरुष की यौन गतिविधि को संचालित करता है। इस ही हार्मोन के कारण पुरुष कम इमोशनल होते है और कम रोते हैं। ये पुरुषों की इमोशनल इंटेलिजेंस कम करके उनको रोने से रोकता है।

क्या कहते हैं रिसर्च ?

हॉलैंड में हुई एक रिसर्च ने पुरुषों के कम रोने की वजह प्रोलेक्टन हॉर्मोन को माना है। बता दें कि ये हॉर्मोन लड़को को भावुक बनाता है और उन्हें अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है। अब रिसर्च की मानें तो मर्दों में ये हॉर्मोन ना के बराबर होता है। वहीँ औरतों में ये कूट-कूटकर भरा होता है। और यही कारण है कि महिलाएं इतना ज्यादा रोती है। वहीँ मर्दों का मर्दानगी वाला हॉर्मोन उन्हें ऐसा करने से रोक लेता है।

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