अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में बुधवार दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब व्हाइट हाउस से कुछ ही ब्लॉक की दूरी पर दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर अचानक गोलीबारी की गई।
दोनों सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना उस स्थान पर हुई जिसे दुनिया के सबसे सुरक्षित इलाकों में गिना जाता है, इसलिए इस हमले ने पूरे अमेरिका में चिंता बढ़ा दी है।
व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड पर हमला: हमला कैसे हुआ?
रिपोर्टों के अनुसार, वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के ये सैनिक अपनी नियमित तैनाती पर मौजूद थे। उसी दौरान एक व्यक्ति ने उन पर अचानक गोली चला दी।
हमले के तुरंत बाद पूरे क्षेत्र को सुरक्षा एजेंसियों ने घेर लिया और व्हाइट हाउस के आसपास अलर्ट बढ़ा दिया गया। कुछ ही मिनटों में एफबीआई, सीक्रेट सर्विस और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई।
दोनों सैनिकों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
घटना के वक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो क्लब में थे, लेकिन जानकारी मिलते ही उन्होंने इस हमले को बेहद गंभीर बताया।
ट्रंप का बयान
हमले के बाद जारी वीडियो संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना की कड़ी निंदा की।
उन्होंने कहा कि थैंक्सगिविंग से एक दिन पहले व्हाइट हाउस के नजदीक हुए इस हमले को केवल दो सैनिकों पर हमला नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र और मानवता के खिलाफ अपराध माना जाना चाहिए।
ट्रंप ने इसे ‘‘जघन्य’’ और ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ बताया और कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा।
ट्रंप ने पेंटागन को तुरंत 500 अतिरिक्त सैनिक वाशिंगटन डीसी में तैनात करने का आदेश दिया।
उनका कहना था कि राजधानी की सुरक्षा में किसी भी तरह की कमी को स्वीकार नहीं किया जा सकता, खासकर ऐसे महत्वपूर्ण समय में जब लाखों लोग छुट्टियों के लिए शहरों में आवाजाही करते हैं।
अफगान नागरिक पर शक
इस घटना के बाद 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लकनवाल को हिरासत में लिया गया, जो खुद भी गोलीबारी में घायल था।
वह अफगान नागरिक है और शुरुआती जानकारी के अनुसार 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका आया था।
न्याय विभाग ने साफ किया कि इस मामले की जांच आतंकवादी हमले के आधार पर की जाएगी, क्योंकि हमले में पूर्व नियोजित तत्व दिखाई देते हैं।
अपने संबोधन में ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि अफगानिस्तान से पिछले वर्षों में अमेरिका पहुंचे सभी लोगों की दोबारा जांच की जाएगी।
डीएचएस को शक है कि संदिग्ध 2021 में शरणार्थी प्रक्रिया के दौरान अमेरिका में प्रवेश कर गया था।
इस घोषणा के बाद अमेरिका में रह रहे अफगान नागरिकों पर निगरानी और जांच का दबाव और बढ़ने की संभावना बन गई है।
सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कार्रवाई
घटना के बाद एफबीआई, सीक्रेट सर्विस और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से पूरे इलाके की जांच कर रही हैं।
जहां हमला हुआ, वह इलाका सामान्यतः बेहद सुरक्षा वाला ज़ोन माना जाता है, इसलिए यह भी सवाल उठ रहा है कि संदिग्ध वहां हथियार के साथ पहुंच कैसे गया।
सुरक्षा एजेंसियों ने आस-पास की पूरी परिधि को बंद कर दिया है और आने-जाने वाले सभी मार्गों पर जांच बढ़ा दी गई है।
अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में राजधानी में अतिरिक्त गश्त जारी रहेगी और सुरक्षा स्तर को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा जाएगा।

