What Is CPR: आजकल हार्ट डिजीज का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। कभी कोई एक्सरसाइज करते वक्त गिर जाता है, तो कभी डांस फ्लोर पर अचानक सांसें बंद हो जाती हैं।
ऐसे हालात में पहला और सबसे अहम कदम है, समय रहते CPR यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन देना।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर पहले 10 मिनट के भीतर सही तरीके से CPR दिया जाए, तो 50% से अधिक मरीजों की जान बचाई जा सकती है। वह भी बिना अस्पताल पहुंचे।
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क्या है CPR और कैसे करता है काम?
What Is CPR: CPR का पूरा नाम है, Cardio Pulmonary Resuscitation। इसका मकसद होता है हार्ट और फेफड़ों की गतिविधि को कृत्रिम तरीके से बनाए रखना, ताकि ब्रेन और शरीर के अन्य अंगों में ऑक्सीजन पहुंचती रहे।
जब हार्ट काम करना बंद कर देता है, तो शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। CPR से हार्ट को फिर से ब्लड पंप करने के लिए मजबूर किया जाता है।
किन संकेतों पर तुरंत दें CPR?
What Is CPR: जब कोई अचानक बेहोश होकर गिर जाए और सांस न ले रहा हो।
हाथ और गर्दन की नब्ज टटोलने पर न मिले।
शरीर में कोई मूवमेंट न हो, जैसे हाथ-पैर हिलना बंद हो जाए।
अगर ये संकेत दिखें, तो देर न करें – CPR देना शुरू करें।
CPR देने का आसान तरीका
What Is CPR: मरीज को तुरंत समतल जगह पर पीठ के बल लिटा दें।
अपने एक हाथ के ऊपर दूसरा हाथ रखें, और दोनों को मरीज की छाती के बीचोंबीच जमाकर रखें।
कोहनियों को सीधा रखते हुए पूरे वजन के साथ जोर से दबाएं।
हर मिनट में कम से कम 100 बार सीने को दबाएं।
30 बार सीने को दबाने के बाद, दो बार माउथ-टू-माउथ सांस दें।
यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं जब तक मरीज की सांसें वापस न लौटें या मेडिकल इमरजेंसी टीम न आ जाए।
छाती दबाने की गहराई और समय
What Is CPR: CPR करते वक्त छाती को 1 से 2 इंच तक दबाना चाहिए। हर पंपिंग के बाद छाती को सामान्य स्थिति में आने देना जरूरी है।
यह प्रक्रिया लगातार तब तक करनी चाहिए जब तक मरीज में कोई हरकत या सांस लेने की कोशिश न दिखे।
CPR यानी सेकंड्स की लड़ाई
What Is CPR: हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट में मौत फौरन नहीं होती। थोड़ी सी जल्दी और CPR की सही जानकारी किसी की जान बचा सकती है।
इसलिए हर व्यक्ति को बेसिक CPR जरूर आना चाहिए। क्योंकि इमरजेंसी में अस्पताल से पहले आप ही किसी की आखिरी उम्मीद हो सकते हैं।