Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समक्ष पेश किया गया, जिस पर राष्ट्रपति ने शनिवार देर शाम मंजूरी दे दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी किया। अब नए कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग से एक नोटिफिकेशन जारी करेगी। इसके बाद यह कानून देशभर में लागू हो जाएगा। यह बिल (अब कानून) पर 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था।
विरोध में सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं
नए वक्फ कानून को लेकर कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने अलग-अलग याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि वक्फ संशोधन एक्ट मुस्लिम कम्युनिटी के साथ भेदभाव करता है। यह एक्ट मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है।
कानून का उद्देश्य पक्षपात, दुरुपयोग रोकना : रिजिजू
वहीं केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। इस बिल (अब कानून) को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, जबकि 95 ने इसका विरोध किया।वहीं लोकसभा में देर रात 2 अप्रैल को पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नए बिल के विरोध में
वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का विरोध ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने शनिवार शाम को वक्फ बिल के विरोध में दो पेज का लेटर जारी किया। AIMPLB ने कहा कि हम सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते।
जानें क्या कहा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने
वक्फ संशोधन बिल इस्लामी मूल्यों, धर्म और शरीयत, धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सद्भाव और भारतीय संविधान के आधारभूत ढांचे पर गंभीर हमला है। कुछ राजनीतिक दलों का भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को दिए गए समर्थन ने उनके तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मुखौटे को पूरी तरह से उजागर कर दिया है।