Vinod Kumar Dham: भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित श्री विनोद कुमार धाम भारतीय प्रतिभा, दूरदृष्टि और तकनीकी नेतृत्व के प्रतीक हैं।
उन्हें यह सम्मान वैश्विक तकनीकी नवाचार में उनके ऐतिहासिक योगदान और भारत के उभरते डीप टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम को गति देने के लिए प्रदान किया गया है।
“पेंटियम के जनक” के रूप में विख्यात श्री धाम ने न केवल माइक्रोप्रोसेसर की दुनिया में क्रांति लाई, बल्कि सेमीकंडक्टर निर्माण को भारत के भविष्य की नींव बनाने की दिशा में अमूल्य कार्य किया है।
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Vinod Kumar Dham: पेंटियम प्रोसेसर: एक युगांतकारी योगदान
श्री धाम का सबसे ऐतिहासिक योगदान पेंटियम माइक्रोप्रोसेसर के विकास में रहा, जिसने दुनिया भर में कंप्यूटिंग को आम जनमानस के लिए सुलभ और व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक बनाया।
इंटेल में अपने 16 वर्षों के दौरान उन्होंने 386 और 486 जैसे प्रोसेसरों के विकास में भूमिका निभाई और फिर पेंटियम के लिए निर्णायक नेतृत्व प्रदान किया। इस चिप ने कंप्यूटर को एक घरेलू उपकरण में बदल दिया और उन्हें वैश्विक तकनीकी नेतृत्व का चेहरा बना दिया।
उद्यमिता और भारत-केंद्रित निवेश
Vinod Kumar Dham: इंटेल से बाहर निकलने के बाद, श्री धाम ने कई हाई-टेक प्रोसेसर स्टार्टअप्स का नेतृत्व किया, जिन्हें आगे चलकर AMD और Broadcom जैसी वैश्विक कंपनियों ने अधिग्रहित किया।
उन्होंने अपने अनुभव को भारत के नवाचार क्षेत्र की ओर मोड़ा और Indo-US Ventures की स्थापना की – एक ऐसा प्रारंभिक चरण का निवेश कोष, जिसका उद्देश्य भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को गहराई और स्थायित्व प्रदान करना है।
वे विशेष रूप से डीप टेक, सेमीकंडक्टर और चिप डिजाइन क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करते हैं।
भारत सरकार के तकनीकी रणनीतिकार
श्री धाम भारत सरकार के लंबे समय से विश्वसनीय सलाहकार रहे हैं, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर विनिर्माण और डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) जैसे राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों में।
उन्होंने भारत सेमीकंडक्टर मिशन की नींव पड़ने से पहले से ही इसे आकार देने में भूमिका निभाई और आज भी घरेलू चिप डिजाइन स्टार्टअप्स को फंडिंग और मार्गदर्शन देने के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
शिक्षा और नवाचार को समर्पण
श्री धाम अपने अल्मा मेटर, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर एक “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन सेमीकंडक्टर” स्थापित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य छात्रों को सेमीकंडक्टर तकनीक में वैश्विक स्तर की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है।
वे हाल ही में विश्वविद्यालय द्वारा “मानद प्रतिष्ठित प्रोफेसर” के रूप में नियुक्त किए गए।
साथ ही, उन्हें ओहियो के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय ने प्रतिष्ठित विलियम टफ्ट मेडल के लिए नामांकित किया है — यह अमेरिका में विज्ञान और समाज में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला सम्मान है।
अंतरराष्ट्रीय मान्यता और भारतीय पहचान
श्री धाम को अमेरिकी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में शीर्ष 25 अधिकारियों में गिना गया है और उन्हें दशक के 100 सबसे प्रभावशाली एशियाई-अमेरिकियों में नामित किया गया।
स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन, वॉशिंगटन डी.सी. ने उन्हें उन भारतीय अमेरिकियों के रूप में सम्मानित किया है जिन्होंने कंप्यूटिंग उद्योग में अपने योगदान से अमेरिका को आकार दिया है।
श्री विनोद कुमार धाम का जीवन और कार्य यह दर्शाता है कि कैसे एक भारतीय इंजीनियर वैश्विक मंच पर क्रांति ला सकता है और फिर उसी अनुभव का उपयोग अपने देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में कर सकता है।
पद्म भूषण उनके योगदान की सराहना भर नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है कि वे भारत को अगली तकनीकी महाशक्ति बनाने की दिशा में आगे बढ़ें।