Vinayak Lohini: विनायक लोहानी का जन्म 12 अप्रैल 1978 को भोपाल, मध्य प्रदेश में हुआ। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर से बी.टेक और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) कोलकाता से एमबीए की डिग्री प्राप्त की।
IIM से स्नातक होने के बाद, उन्होंने कॉर्पोरेट करियर को छोड़कर समाज सेवा का मार्ग चुना, जो स्वामी विवेकानंद के ‘मानव में ईश्वर’ के सिद्धांत से प्रेरित था।
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Vinayak Lohini: परिवार: एक मानवीय मिशन
2003 में, श्री लोहानी ने कोलकाता के बाहरी इलाके में एक छोटे से किराए के भवन में तीन बच्चों के साथ ‘परिवार’ की स्थापना की। शुरुआत में संसाधनों की कमी के बावजूद, उन्होंने प्रबंधन प्रवेश परीक्षाओं के लिए छात्रों को पढ़ाकर संचालन के खर्चों को पूरा किया। समय के साथ, उनकी सेवा भावना से प्रेरित होकर लोग इस पहल से जुड़ते गए, और ‘परिवार’ का विस्तार होता गया।
सामाजिक कार्य और विस्तार
आज ‘परिवार’ पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में सक्रिय है। जनवरी 2024 तक, पश्चिम बंगाल में इसके आवासीय संस्थानों में 2100 से अधिक बच्चे रहते हैं।
मध्य प्रदेश में 834 सेवा कुटीरों के माध्यम से 55,000 से अधिक बच्चों को शिक्षा और पोषण प्रदान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 93 मुफ्त 24×7 एम्बुलेंस सेवाएं, 21 मोबाइल मेडिकल क्लीनिक और दृष्टि बहाली कार्यक्रम के तहत 73,000 से अधिक मुफ्त नेत्र सर्जरी की गई हैं।
पद्म श्री सम्मान 2025
श्री विनायक लोहानी को 2025 में भारत सरकार द्वारा सामाजिक कार्य के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें समाज के वंचित वर्गों, विशेषकर बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। उनकी पहल ‘परिवार’ ने हजारों बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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