Vice President Election 2025: आज देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए एक महत्वपूर्ण चुनाव हो रहा है। जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद यह पद खाली हो गया था।
सुबह 10 बजे शुरू हुई मतदान प्रक्रिया शाम 5 बजे तक चलेगी और परिणाम शाम 6 बजे के बाद आने की उम्मीद है।
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Vice President Election 2025: इंडी ने सुदर्शन रेड्डी को अपना दावेदार बनाया
इस चुनावी मुकाबले में दो दिग्गज व्यक्तित्व आमने-सामने खड़े हैं। एनडीए गठबंधन की तरफ से महाराष्ट्र के मौजूदा राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन मैदान में हैं।
वहीं दूसरी तरफ इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना दावेदार बनाया है। रेड्डी का न्यायिक क्षेत्र में लंबा अनुभव है और वे गोवा के लोकायुक्त भी रह चुके हैं।
चुनाव में हमारी पार्टी जीतेगी
चुनाव से ठीक पहले सुदर्शन रेड्डी ने मीडिया के सामने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने अपनी जीत को लेकर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि उनकी पार्टी और गठबंधन इस चुनाव में सफल होंगे।
रेड्डी ने अपने उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि वे सिर्फ लोगों की अंतरात्मा की आवाज को जागृत करना चाहते हैं और मतदाताओं को सही दिशा दिखाना चाहते हैं।
दोनों सदनों के कुल 786 सांसद हिस्सा ले सकते हैं
क्रॉस-वोटिंग को लेकर चर्चा के बीच सुदर्शन रेड्डी ने साफ किया कि उन्होंने इस तरह की कोई बात नहीं कही है और न ही ऐसा कुछ करने की कोई योजना है।
गृह मंत्री अमित शाह की पिछली टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने थोड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि वे बार-बार एक ही सवाल का जवाब नहीं देंगे।
इस चुनाव में संसद के दोनों सदनों के कुल 786 सांसद हिस्सा ले सकते हैं। जीत के लिए किसी भी उम्मीदवार को 391 वोट की जरूरत होती है।
हालांकि शिरोमणि अकाली दल ने इस चुनाव का बाइकॉट कर दिया है, जिससे वास्तविक मतदाताओं की संख्या कुछ कम हो गई है।
राधाकृष्णन को करीब 427 से 437 वोट मिलने की संभावना
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार संख्याओं का खेल एनडीए के पक्ष में दिखाई दे रहा है। राधाकृष्णन को करीब 427 से 437 वोट मिलने की संभावना है,
जबकि सुदर्शन रेड्डी को लगभग 323 वोट मिल सकते हैं। इस हिसाब से एनडीए उम्मीदवार की जीत लगभग तय दिखाई दे रही है।
फिर भी विपक्षी गठबंधन को उम्मीद है कि अंतिम समय में कुछ सांसद अपने विवेक के अनुसार वोट दे सकते हैं।
इंडिया ब्लॉक का दांव यह है कि संविधान के मूल्यों और न्यायिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर कुछ सांसद अपनी पार्टी लाइन से अलग फैसला ले सकते हैं। यही वजह है कि सुदर्शन रेड्डी अभी भी जीत का भरोसा जता रहे हैं।