Varanasi gang rape: बहुचर्चित वाराणसी गैंगरेप में एक नया मोड़ सामने आया है। जहां एक युवती ने 23 लोगों पर नशीला पदार्थ खिलाकर 6 दिन तक गैंगरेप करने का मामला लालपुर पांडेपुर थाने में दर्ज कराया गया था। इस घटना को लेकर विपक्ष ने योगी सरकार के ऊपर जमकर हमला बोला था। वहीं आज गिरफ्तार किये गए आरोपियों के परिजनों ने पुलिस के सामने सबूतों की ढ़ेरी लगा दी गई है। इन सबूतों के सामने आने के बाद पुलिस कमिशनर ने 3 आईपीएस, दो पीपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित कर 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने की बात कही है।
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युवक से मिलने गई पीड़िता
सामूहिक दुष्कर्म एफआईआर दर्ज कराने के 14 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अरेस्ट किये गए 14 युवकों के परिजन कचहरी स्थित पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे औऱ उनके पास कई सीसीटीवी फुटेज और फोटो थी, जिसको घटना के टाइम और जगह से मैच करने के साथ ही कमिश्नर के साथ शेयर किया गया। वहीं कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पीड़िता के बयान और सबूत मैच नहीं कर रहे है। पुलिस का कहना है कि एफआईआर में दर्ज पहले आरोपी रवि विश्वकर्मा के इंस्टाग्राम चैट से खुलासा हुआ है कि 29 मार्च को युवती ने खुद रवि को मैसेज किया था और खुद उससे मिलने गई थी, न कि अचानक युवक से पीड़िता की मुलाकात हुई थी।
घटना स्थल के पास कई पुलिस चौकियां
पुलिस ने बताया कि युवती ने जिस दानिश के ऊपर रेप का आरोप लगाया था। पीड़िता तीन दिन बाद फिर से उसी युवक के साथ घूमते हुए नजर आई, जिसका सीसीटीवी मौजूद है। कमिशनर ने कहा कि इतना ही नहीं युवती ने जिन जगहों का जिक्र किया है वहां से पुलिस चौकी पास में थी, लेकिन युवती ने वहां पर जाकर रेप की शिकायत क्यों दर्ज नहीं करायी। पुलिस ने कहा कि युवती ने अस्सी घाट का जिक्र किया और अस्सी घाट के पास ही पुलिस चौकी है, लेकिन वो वहां भी नहीं गई और अब तक जितने भी सीसीटीवी में पीड़िता दिख रही है, सभी में बेहद ही नार्मल दिखाई दे रही है।
मां-बाप ने तुरंत FIR क्यों नहीं कराई दर्ज
कमिशनर ने बताया कि पीड़िता के मां-बाप ने 4 अप्रैल को शिकायत दी थी, जिसके बाद पुलिस ने युवती को उसकी ही सहेली के घर से बरामद कर परिजनों को सौंपा। इसके बाद परिजनों ने 6 अप्रैल को रेप का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि आखिर 29 मार्च के बाद ही तत्काल उसके मां-बाप ने एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराई? वहीं दूसरी तरफ पीड़िता ने नशे में दुष्कर्म की बात कही है। केस के दर्ज होने के बाद जब युवती का मेडिकल कराया गया तो रिपोर्ट में किसी भी तरह के कोई भी नशीला पदार्थ नहीं मिला।
तीन युवकों का नहीं लिया नाम
पुलिस ने बताया कि युवती ने अपने शुरुआती बयान में कुल 12 नामजद और 11 अज्ञात पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के साथ एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन मजिस्ट्रेट के सामने तीन युवकों के नाम नहीं लिये। इसी को आधार बनाकर परिजनों ने कमिश्नर को बताया कि उन तीनों से पैसे लेकर उनका नाम युवती ने नहीं लिया। इसी के साथ ही गिरफ्तार किये गए युवकों से सेटलमेंट के नाम पर धन उगाही का प्रयास किया जा रहा है।
मुकदमे की आड़ में धन उगाही का प्रयास
कमिश्नर ने कहा कि शुरुआती 10 दिनों में आरोपों के आधार पर कुल 14 गिरफ्तारी की गई हैं। नए साक्ष्यों के सामने के आने के बाद एसआईटी का गठन किया गया है। इसी के साथ ही कोई मुकदमे की आड़ में धन की उगाही नहीं होने दी जाएगी। घटना को लेकर पुलिस ने इस मामले को लेकर एक एसआईटी का गठन किया है। इस टीम में 3 आईपीएस हैं, जिसमें 2 महिला अधिकारी हैं। इस टीम में डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी और लालपुर एसओ शामिल हैं। कमिश्नर ने इस टीम को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
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