Thursday, September 19, 2024

Uttar Pradesh: नजूल संपत्ति क्या है? क्या इसे बेच सकती है सरकार, जानें सब

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Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश का नजूल भूमि विधयेक इन दिनों काफी चर्चा में है। लेकिन क्या आपको पता है कि नजूल संपत्ति क्या है और क्या सरकार इसे बेच सकती है। आइये आपको इसके बारे में बताते हैं।

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उत्तर प्रदेश के नए नजूल विधेयक पर इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। बता दें कि ये बिल विधानसभा में पास हो चुका है, लेकिन विधान परिषद् में इसे पेश किये जाने से पहले इसे प्रवर समिति को भेजा गया है। खबरें है कि इस बिल को लेकर बीजेपी में नाराजगी कि आहट है।

क्या है नजूल संपत्ति

ब्रिटिश हुकूमत के समय भारत में 550 से भी ज्यादा रियासतें थी जिनमें कुछ रियायतें अंग्रेजो के समर्थन से बनी तो कुछ उनके विरोध से। कई राजा, महाराजाओं, नवाबों और निजामों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोला और क्रांतिकारियों की मदद की जैसे जैसे मवाद के राजा महाराणा प्रताप सिंह। इन्हीं लड़ाइयों में जो महाराजा हारे अग्रेजों ने उनकी जमीनें छीनकर अपना कब्ज़ा कर लिया था।

कैसे मिला नजूल नाम

15 अगस्त, 1947 में जब भारत अंग्रेजों की हुकूमत से आजाद हुआ तो अंग्रेजों ने जो भी जमीनें अपना कब्जे में ली थी वो भी उन्हें छोड़ी पड़ी। उस समय ज्यादातर रियासतें ऐसी थी जिनके पास जमीनों का स्वामित्व साबित करने के लिए जरुरी दस्तावेज नहीं थे। इस वजह से वो उन जमींनों पर अपना स्वामित्व दिखाने में असफल रहे।। फिर इन्हीं जमीनों को सरकार ने ‘नजूल भूमि’ नाम दिया और अपने कब्जे में ले लिया।अंग्रेजों के खिलाफ देश के हर हिस्से में विद्रोह हुआ, इसलिए नजूल की जमीन भी लगभग भारत के हर राज्य में मौजूद है।

क्या इसे बेचने का अधिकार सरकार के पास है

नजूल सम्पाती को कई बार सरकार द्वारा फ्री होल्ड कर दिया जाता था। इसके अलावा इस तरह की जमीन को सरकार स्कूल, अस्पताल, पंचायत भवन और डिस्पेंसरी के लिए एक तय समय के लिए पट्टे पर देती है, जिसे लीज भी कहा जाता है। ये लीज 15 से 99 साल तक का हो सकता है।

संबंधित राज्य सरकारें नजूल भूमि को वापस लेने, लीज कैंसिल करने या कभी भी रेन्यु कर सकती हैं। देश के हर राज्य में नजूल भूमि से संबंधित अपने अलग कायदे कानून हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में नजूल भूमि कानून 1956 लागू होता है। हालांकि उत्तर प्रदेश में ऐसा करना संभव नहीं होगा, जिसकी वजह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ये नया कानून लाया जा रहा है।

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