Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है।
समाजवादी पार्टी ने अपनी ही विधायक पूजा पाल को पार्टी से बाहर कर दिया।
वजह रही उनकी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुलेआम तारीफ करना।
Uttar Pradesh: पूजा पाल ने कहा कि उनके पति, पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या के बाद वर्षों तक न्याय की उम्मीद टूट चुकी थी, लेकिन योगी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति ने माफिया अतीक अहमद जैसे अपराधियों का अंत कर उन्हें इंसाफ दिलाया।
इस उपलब्धि के लिए उन्होंने मंच से सीएम का आभार व्यक्त किया।
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विपक्ष में सराहना करना “गुनाह”
Uttar Pradesh: राजनीतिक गलियारों में यह घटना विपक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।
आज के माहौल में विपक्ष में होने का मतलब है कि सरकार के अच्छे कामों को भी नज़रअंदाज़ करना या उन पर सवाल उठाना।
पूजा पाल शायद सपा की इस अनकही नीति को भूल गईं।
उनके बयान से पार्टी नेतृत्व असहज हो गया और “गंभीर अनुशासनहीनता” का हवाला देकर उनका निष्कासन कर दिया।
माफिया विरोध बनाम माफिया संरक्षण की तस्वीर
Uttar Pradesh: यह विवाद केवल एक विधायक की राय तक सीमित नहीं है, बल्कि यूपी की राजनीति में माफिया विरोध और माफिया संरक्षण की असल तस्वीर दिखाता है।
योगी सरकार अपराध और माफिया नेटवर्क के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है, तो दूसरी तरफ विपक्ष के भीतर इस पर चुप्पी साधी जा रही है, मानो सरकार का कोई भी अच्छा कदम उनकी नजरों में सही नहीं ठहरता।